India-Maldives Relation History: भारत से 2,142 किलोमीटर दूर स्थित मालदीव एक छोटा सा द्वीप राष्ट्र है. मालदीव के तीन मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भद्दी और नस्लवादी टिप्पणी की. इसके चलते द्वीप राष्ट्र भारतीयों के निशाने पर आ गया और उसके खिलाफ रविवार (7 जनवरी) को सोशल मीडिया पर बायकॉट अभियान छिड़ गया.
भारत सहित दुनिया भर से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने वाला मालदीव इस घटना के बाद से डैमेज कंट्रोल में जुट गया और अपने नेताओं मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महजूम माजिद की टिप्पणियों से खुद को दूर कर लिया.
तीनों मंत्रियों को किया निलंबित
घटना के कुछ घंटों बाद ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपनी बीजिंग यात्रा से ठीक एक दिन पहले तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया. गौरतलब है कि पिछले नवंबर में मुइज्जू ने मालदीव से भारतीय सशस्त्र बलों को बाहर करने के नाम पर वोट मांगा था और चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रपति पद संभाला था.
मालदीव के साथ खड़ा रहा भारत
पिछले महीने पीएम मोदी ने दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर मालदीव के राष्ट्रपति से मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों देश अपनी साझेदारी को मजबूत करने पर सहमत हुए थे. गौरतलब है कि भारत हमेशा से मालदीव के अच्छे और बुरे समय में उसके साथ खड़ा रहा है. भारत 1965 में इस द्वीप राष्ट्र को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था और उसने मालदीव के साथ राजनयिक संबंध भी स्थापित किए थे.
मालदीव को तख्ता पलट से बचाया
इसके बाद 1988 में भारत अब्दुल्ला लुथुफी के तख्तापलट के प्रयास को विफल करने के लिए मालदीव की मदद के लिए आगे आया. श्रीलंकाई आतंकवादी समूह लिबरेशन टाइगर ऑफ तमिल ईलम (LTTE) समर्थित तख्तापलट को भारत ने मिशन कोड-नाम 'ऑपरेशन कैक्टस' के तहत खत्म कर दिया था.
भारत ने वित्तीय सहायता दी
इसके बाद 17 नवंबर 2018 को पीएम मोदी तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. उन्होंने सोलिह के शपथ समारोह के ठीक बाद उनके साथ द्विपक्षीय वार्ता की. पीएम मोदी ने मालदीव की विकास से जुड़ी प्राथमिकताओं को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की भारत की इच्छा व्यक्त की. सोलिह ने पदभार संभालने के एक महीने बाद जब अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत का दौरा किया. भारत ने 1.4 अरब डॉलर के वित्तीय सहायता पैकेज की घोषणा की.
मालदीव रक्षा बलों को ट्रेनिंग देता है भारत
1988 से ही रक्षा और सुरक्षा दोनों देशों के बीच सहयोग का प्रमुख क्षेत्र रहा है. भारत मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) के लिए सबसे बड़ी संख्या में प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करता है. विदेश मंत्रालय के एक दस्तावेज में कहा गया है कि भारत उनकी रक्षा प्रशिक्षण आवश्यकताओं का लगभग 70 प्रतिशत पूरा करता है.
पिछले 10 साल में भारत ने 1,500 से अधिक एमएनडीएफ को प्रशिक्षित किया है. इतना ही नहीं भारतीय नौसेना ने एमएनडीएफ को हवाई निगरानी, मेडवैक, एसएआर, हेलो-बोर्न वर्टिकल इंसर्शन के लिए हवाई संपत्ति भी प्रदान की है.
एमएनडीएफ मानवीय सहायता और आपदा राहत, खोज और बचाव, प्रदूषण नियंत्रण और भारत की ओर से आयोजित अन्य अभ्यासों में सक्रिय रूप से भाग लेता है. नई दिल्ली ने 2016 में एमएनडीएफ तट रक्षक को प्रदूषण दूर करने वाला उपकरण दिया था. इसके अलावा एमएनडीएफ भारत में फायर एंड रेस्क्यू सर्विस के लिए ट्रेनिंग भी ले रही है.
इंदिरा गांधी मेमोरियल अस्पताल बनवाया
भारत ने मालदीव में कई विकास परियोजनाओं को लागू किया है. इसमें इंदिरा गांधी मेमोरियल अस्पताल भी शामिल है, जिसे 1995 में भारतीय अनुदान सहायता से बनाया गया था. 2017 में इस अस्पताल का नवीनीकरण किया गया. इसके लिए मोदी सरकार ने फंड दिया था.
मालदीव तकनीकी शिक्षा संस्थान, जिसे अब मालदीव पॉलिटेक्निक के नाम से जाना जाता है, उसे 12 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया था और 1996 में भारत ने इसे मालदीव सरकार को सौंप दिया था.
तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार बना भारत
भारत 2021 में मालदीव का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार बन गया. मालदीव को भारतीय इंजीनियरिंग और औद्योगिक उत्पाद जैसे ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स, रडार डिवाइस, रॉक बोल्डर, सीमेंट और चावल, मसाले, फल, सब्जियां और पोल्ट्री जैसे कृषि उत्पाद जैसे सामान निर्यात करता है.
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