नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कामों के लिये पद्म सम्मान के लिए चुने गए 89 लोगों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री सम्मान से नवाजा. राष्ट्रपति भवन में आज आयोजित सम्मान समारोह में मुखर्जी ने खिलाड़ी दीपा कर्माकर और साक्षी मलिक से लेकर शैफ संजीव कपूर तक ज्ञान, विज्ञान, साहित्य, संगीत और कला सहित अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम के लिये सर्वोच्च नागरिक सम्मान के तौर पर दिये जाने वाले पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया. इस श्रेणी में असाधारण और उत्कृष्ट सेवाओं के लिये हर साल दिये जाने वाले सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के लिये इस साल सात लोगों को चुना गया था.


राष्ट्रपति मुखर्जी ने इस श्रेणी के तहत सार्वजनिक जीवन में उल्लेखनीय योगदान के लिये वरिष्ठ राजनेता मुरली मनोहर जोशी और शरद पवार को पद्म विभूषण से सम्मानित किया. जबकि इसी श्रेणी में पीए संगमा और सुंदर लाल पटवा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से नवाजा गया. वहीं कला और संगीत के क्षेत्र में केजे यशुदास, विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रोसेसर उदिपि रामचंद्र राव और आध्यात्म के क्षेत्र में अप्रतिम उत्कृष्ट सेवाओं के लिये सदगुर जग्गी वासुदेव को पद्म विभूषण से सम्मानित किया.


ज्ञात हो कि विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यों के लिये सर्वाच्च नागरिक सम्मान के रूप में तीन श्रेणी वाले पद्म पुरस्कारों में अप्रतिम उत्कृष्ट सेवाओं के लिये पद्म विभूषण, शीर्ष स्तर की उल्लेखनीय सेवाओं के लिये पद्म भूषण और किसी भी क्षेत्र में श्रेष्ठ योगदान के लिये पद्मश्री सम्मान दिया जाता है. इस साल पद्म पुरस्कारों के लिये जनवरी में चुने लोगों में 7 पद्म विभूषण, 7 पद्म भूषण और 75 पद्मश्री सम्मान के लिये चुना गया. इनमें 70 पुरष, 19 महिलायें, 5 विदेशी मूल या अनिवासी भारतीय शामिल हैं जबकि 6 को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया.


मुखर्जी ने चो एस रामास्वामी को साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में (मरणोपरांत) काशी विश्वनाथ मंदिर के आचार्य और आधुनिक भाषाशास्त्र के प्रोफेसर देवीप्रसाद द्विवेदी को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में, वाद्ययंत्र मोहनवीणा के आविष्कारक राजस्थान के विश्वमोहन भट्ट को कला और संगीत के क्षेत्र में और जैन धर्मगुर गुजरात के जैनाचार्य रत्नासुंदेरसुरी महाराज को आध्यात्म के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया. चो एस रामास्वामी की ओर से उनकी पत्नी ने राष्ट्रपति से सम्मान ग्रहण किया. सम्मान समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय मंत्रिमंडल के अनेक मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी मौजूद थीं. पदश्री के लिये चुनी गयी 8 खेल प्रतिभाओं में आज सम्मानित होने वालों में ओलंपियन दीपा कर्मकार, साक्षी मलिक, डिस्कस थ्रोअर विकास गोडा और पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन टी. शामिल हैं.


साहित्य, शिक्षा, और कला के अलावा समाज सेवकों, लोकसेवकों और विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये पद्मश्री से सम्मानित होने वालों में मशहूर शेफ संजीव कपूर, पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल, गायक कैलाश खेर और फिल्म जगत की इतिहासकार भावना सोमैया शामिल है.


गृह मंत्रालय के मुताबिक पद्म सम्मान की चयन सूची में खास बात यह रही इस बार देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यरत उन लोगों को शामिल किया गया जो बहुत नामचीन चेहरे नहीं हैं और ये लोग अपने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे है. सम्मानित किये गये गुमनाम हीरो की श्रेणी में उड़ीसा के जितेन्द्र हरिपाल हैं. प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण बचपन में ही पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हुये हरिपाल की गायन प्रतिभा तब सामने आयी जब उनका गाया गीत ‘रांगाबाती’ उड़ीसा में खासा चर्चित हुआ. उड़ीसा में ‘रांगाबाती की आवाज’ के नाम से लोकप्रिय हरिपाल को राष्ट्रपति ने पद्मश्री से नवाजा. इसी प्रकार पूर्वोत्तर राज्यों में 1970 से महिलाओं की एकमात्र पत्रिका का प्रकाशन कर रहीं असम की 81 साल की इला मोहम्मद और पश्चिम बंगाल में अग्निकांड की घटनाओं में स्वयंसेवी के तौर पर कार्यरत बिपिन गनात्रा भी पद्मश्री से सम्मानित होने वालों में शामिल हैं.