Mukhtar Ansari Death: पेट में गैस की शिकायत से दिल का दौरा पड़ने तक, कैसे खत्म हुई मुख्तार अंसारी की जिंदगी
माफिया मुख्तार अंसारी यूपी की बांदा जेल में बंद था. दो दिन पहले भी पेट में गैस और यूरिन इन्फेक्शन की शिकायत के चलते मुख्तार को बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था. इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया.
बाहुबली मुख्तार अंसारी की गुरुवार (28 मार्च 2024) को मौत हो गई. मुख्तार बांदा जेल में बंद था, वहां उसे दिल का दौड़ा पड़ा. इसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज लाया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इससे दो दिन पहले भी पेट में गैस और यूरिन इन्फेक्शन की शिकायत के चलते मुख्तार को बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था.
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी यूपी की बांदा जेल में बंद था. चार दिन पहले मुख्तार अंसारी की सुरक्षा में लापरवाही को लेकर एक जेलर और दो डिप्टी जेलर सस्पेंड किया गया था. 21 मार्च को बाराबंकी एमपी- एमएलए कोर्ट में चर्चित एम्बुलेंस केस में मुख्तार अंसारी की पेशी हुई थी. उसने वकील के माध्यम से कोर्ट में आवेदन दिया कि 19 मार्च की रात खाने में पॉइजन दिया गया. इसकी वजह से तबीयत खराब हो गई, मुख्तार ने कहा था कि बहुत घबराहट हो रही है. एक महीने पहले भी मुख्तार ने पॉइजन मिलाकर खाना देने का आरोप लगाया था.
पुलिस ने दिया था ये जवाब
हालांकि, बांदा जेल के अधीक्षक ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया गया था. उनका कहना है कि मुख्तार अंसारी को खाना देने से पहले सिपाही और फिर डिप्टी जेलर खाना खाते हैं. इसके बाद ही मुख्तार अंसारी को खाना दिया जाता है. जेल के 900 बंदी भी यही खाना खाते हैं.
दो दिन पहले ICU में भर्ती कराया गया था मुख्तार
मंगलवार को मुख्तार की तबीयत बिगड़ गई थी. उसे स्टूल सिस्टम की समस्या थी. उसे ICU में रखा गया था. हालांकि, बाद में अस्पताल से उसे छुट्टी मिल गई थी. हालांकि, इससे पहले उसके पेट का एक्सरे भी हुआ था. इसके अलावा उसकी शुगर, सीबीसी, एलएफटी, इलेक्ट्रोलाइट की जांच कराई गई थी. रिपोर्ट नॉर्मल होने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई थी.
मुख्तार अंसारी पर दर्ज थे 60 केस
मुख्तार अंसारी पर करीब 60 केस दर्ज थे. 2017 के हलफनामे के मुताबिक, उस पर 21.88 करोड़ की संपत्ति थी. मुख्तार पिछले 16 साल से जेल में बंद है. उसे 7-8 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी थी. मुख्तार का पहली बार 1988 में हत्या के मामले में नाम आया था. 1996 में मुख्तार पहली बार विधायक बना. इसके बाद लगातार 5 बार विधायक चुना गया. अक्टूबर 2005 में मऊ जिले में हिंसा भड़की थी, इसका भी आरोप मुख्तार पर लगा था.