Frozen Lake Marathon: लद्दाख में विश्व प्रसिद्ध पैंगोंग त्सो झील (Pangong Lake) भारत की पहली फ्रोजेन लेक मैराथन होने जा रही है. 20 फरवरी को होने वाली ये मैराथन लगभग 13,862 फीट की ऊंचाई पर होगी. मुख्य कार्यकारी पार्षद लेह एडवोकेट ताशी गेलसन ने बतया, '20 फरवरी को लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल लेह और लद्दाख पर्यटन विभाग के सहयोग से लद्दाख (एएसएफएल) के एडवेंचर स्पोर्ट्स फाउंडेशन भारत के पहले 21 किमी लंबी पैंगोंग फ्रोजन लेक मैराथन का आयोजन करने जा रहा है.'
उन्होंने कहा, 'ये दुनिया की सबसे ऊंची जमे हुए झील मैराथन के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का एक प्रयास होगा.' उपायुक्त लेह श्रीकांत बालासाहेब सुसे ने इस होने वाले मैराथन को लेकर कहा, इस जमे हुए झील मैराथन के आयोजन का उद्देश्य स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देना और जलवायु और पर्यावरण के बारे में जागरूकता पैदा करना है. उन्होंने कहा, एक सफल घटना सुनिश्चित करने के लिए सभी व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं. मैराथन लद्दाख (एएसएफएल) के एडवेंचर स्पोर्ट्स फाउंडेशन के दिमाग की उपज है जिन्होंने एक धूमिल वास्तविकता को उजागर करने के लिए इसे "द लास्ट रन" का नाम दिया है.
झील के कुछ हिस्से अनफिट हो सकते हैं
हिमालय के ग्लेशियरों की अनिश्चित स्थिति को देखते हुए आने वाले सालों में झील के कुछ हिस्से अनफिट हो सकते हैं. एएसएफएल अध्यक्ष चाम तित्सन ने कहा, ये 20 फरवरी को आयोजित होने वाले पैंगोंग फ्रोजन लेक मैराथन जीवन भर का अनुभव होगा. प्रतिभागी सचमुच एक दिन की घटना के दौरान राजसी पैंगोंग झील पर बर्फ की जमे हुए चादरों पर चलेंगे. उन्होंने कहा कि पंगोंग झील निकट भविष्य में जलवायु परिवर्तन के कारण बदलाव झेल सकता है. अगर हम अब इस दृष्टि पर ध्यान नहीं देते हैं तो यह निम्नलिखित पीढ़ी के लिए असामान्य होगा.
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