नई दिल्ली: तेल की कीमतों के बढ़ने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी सिलसिले में आज फिर एक बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई. एक तरफ जहां पेट्रोल की कीमत में 39 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई है, वहीं डीज़ल की कीमत 44 पैसे प्रति लीटर बढ़ोत्तरी हुई है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 80 रुपए के पार चली गई है.


मुंबई में अब पेट्रोल 87 रुपये 77 पैसे और डीजल 76 रुपये 90 पैसे लीटर की कीमत पर बिका रहा है. डीजल पेट्रोल के बढ़ते दामों पर कांग्रेस ने परसों यानी सोमवार को भारत बंद का ऐलान किया है. बंद से पहले कांग्रेस कल देश में 100 जगहों पर और प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने 10 सितंबर को होने वाले भारत बंद को सफल बनाने के लिए घटक दलों से आह्वान किया है, साथ ही उन्होंने बिहारवासियों से भी अपील की है कि वो बंद को सफल बनाने में साथ दें.


कल पेट्रोलियम मंत्री ने दिया था बड़ा बयान
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कल कई बड़ी बातें कही थीं. उन्होंने कहा कि जरूरी हो गया है कि इन्हें अब जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के दायरे में लाया जाए. उन्होंने आगे कहा कि तेल कीमतों के बढ़ने की वजह अंतर्राष्ट्रीय हैं, लिहाजा इन्हें जीएसटी के दायरे में लाकर ही कीमतों पर कुछ नियंत्रण पाया जा सकता है.


धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि फ्यूल कीमतों में अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों के कारण अचानक बढ़ोतरी आई है और इस बारे में केंद्र सरकार जागरूक है. इसलिए अब ये जरूरी हो गया है कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए.


ये दोनों अभी जीएसटी से बाहर हैं और इसके चलते देश को करीब 15,000 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है. अगर पेट्रोल-डीजल जीएसटी के अंतर्गत आ जाते हैं तो ये सभी ग्राहकों के लिए बेहतर बात होगी.


आपको बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच हुए 2+2 डायलॉग में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तेल की कीमतों का मुद्दा भी उठाया था. रुपये की गिरती कीमत का भी तेल कीमतों में आ रही तेजी के पीछे हाथ है.


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