पंजाब नेशनल बैंक से भर्जीवाड़ा कर भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन की अदालत में सुनवाई पूरी हो गई है. ऐसी उम्मीद है कि इस पर अंतिम फैसला 25 फरवरी को सुनाया जाएगा.


ब्रिटेन की अदालत को बताया गया कि भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी एक ‘‘पोंजी जैसी योजना’’ की देखरेख कर रहा था जिसकी वजह से भारत के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ भारी धोखाधड़ी हुई.


नीरव मोदी के भारत को प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन की अदालत में जारी अंतिम सुनवाई में यह कहा गया. मामले में ब्रिटेन की क्राउन अभियोजन सेवा (सीपीएस) भारतीय प्राधिकरण की ओर से बहस कर रही है. सीपीएस का जोर पहली नजर में धोखाधड़ी के मामले पर है. इसके साथ ही मनी लांड्रिंग का मामले पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि मामले में न्याय हासिल किया जा सके.





मामले में दो दिन की सुनवाई के दूसरे दिन यह कहा गया. नीरव मोदी ने दक्षिण- पश्चिम लंदन स्थित वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिये इस सुनवाई में भाग लिया. जिला न्यायधीश सैमुएल गूजी ने मामले में सबूतों को देखा. ये सबूत इस मामले में पिछले साल हुई कई सुनवाइयों के दौरान पहले ही लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किये गये थे. अब मामले की अंतिम सुनवाई पूरी हुई है.


इधर, भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की बहन और बहनोई दो अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में सरकारी गवाह बन गये हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि दोनों 579 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने में मदद करेंगे. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में धन शोधन (मनी लांड्रिंग) मामले में ईडी फिलहाल लंदन की जेल में बंद नीरव मोदी, उसके रिश्तेदार मेहुल चोकसी और अन्य के खिलाफ जांच कर रहा है.


हीरा कारोबारी की छोटी बहन पूर्वी मोदी (47) बेल्जयिम की नागरिक हैं जबकि उसके पति मयंक मेहता ब्रिटिश नागरिक हैं. उन्हें विदेश में स्थित बताया गया है और वह कभी जांच में शामिल नहीं हुए. पूर्वी मोदी कथित रूप से आपराधिक बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं और उनके खिलाफ सुनवाई चल रही है. इस मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के साथ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कई आरोपपत्र दाखिल किये हैं.


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