Mehul Choksi Case: भगोड़े मेहुल चोकसी को भारत लाना हुआ मुश्किल, जानिए इस केस में अब तक क्या-क्या हुआ?
Mehul Choksi News: मेहुल चोकसी के पास एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता है. वह 13 हजार करोड़ के पीएनबी घोटाले का खुलासे होने के बाद देश से भाग गया था.
Mehul Choksi Case Timeline: भारत में 13,000 करोड़ के बैंक घोटाले में वॉन्टेड और भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को देश वापस लाना मुश्किल हो गया है. कैरेबियाई देश एंटीगुआ और बारबुडा (Antigua And Barbuda) की हाई कोर्ट ने शुक्रवार (14 अप्रैल) को एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि मेहुल चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा से नहीं हटाया जा सकता है. कोर्ट का ये आदेश भारत सरकार के लिए बड़ा झटका है.
इससे पहले मार्च में भी सीबीआई को चोकसी को भारत लाने के प्रयासों को तब झटका लगा था, जब इंटरपोल ने उसके खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) को वापस ले लिया था. जिससे दुनिया भर में उसे स्वतंत्र रूप से आने-जाने की अनुमति मिल गई थी. जानिए इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है.
पीएनबी घोटाले में है आरोपी
मेहुल चोकसी अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में आरोपी है. देश भर में करीब 4000 स्टोर वाली कंपनी गीतांजलि ग्रुप के मालिक मेहुल चोकसी के खिलाफ फरवरी 2018 में पीएनबी से धोखाधड़ी करने का केस दर्ज किया था. मेहुल चोकसी ने 1996 में गीतांजलि ग्रुप की स्थापना की थी, जो ज्वेलरी के सबसे बड़े व्यापारों में से एक है. चोकसी को दिसंबर 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता मिली थी.
2018 में चोकसी देश छोड़कर भागा
पीएनबी से धोखाधड़ी का ये मामला जनवरी 2018 में सामने आया. पीएनबी ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी व अन्य के खिलाफ शिकायत दी थी. बैंक ने आरोप लगाया था कि इन्होंने 2.81 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है. मामला सामने आने के बाद जनवरी 2018 में चोकसी देश छोड़कर एंटीगुआ और बारबुडा भाग गया था.
इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया
सीबीआई ने फरवरी 2018 में इस मामले की जांच शुरू कर दी थी. जिसके बाद बाद पंजाब नेशनल बैंक के दो कर्मियो की गिरफ्तारी हुई थी. नीरव मोदी और चोकसी के चार हफ्ते के लिए पासपोर्ट जब्त कर करते हुए मुंबई की कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती आदेश जारी किया था. 2018 दिसंबर में चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. मार्च 2019 में एंटीगुआ और बारबुडा में चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की गई थी.
ईडी ने जुलाई, 2019 में चोकसी की करीब 24.77 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. इसी साल सीबीआई कोर्ट ने चोकसी के खिलाफ गैर जमानती वारेन्ट रद्द करने से मना कर दिया था. वहीं सेबी ने गीतांजलि जेम्स पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. ये जुर्माना लिस्टिंग नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगाया गया था. एंटीगुआ और बारबुडा में 23 मई 2021 को चोकसी की गुमशुदगी की शिकायत हुई थी.
डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया
इसके दो दिन बाद ही चोकसी को डोमिनिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. चोकसी ने वकील ने तर्क दिया कि वो अब भारत का नागरिक नहीं है इसलिए उसे भारत में प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता. एंटीगुआ की सरकार ने उसे भारत से सीधे प्रत्यर्पित किए जाने की बात कही थी. इसके बाद 27 मई, 2021 को डोमिनिकन सरकार ने कहा कि चोकसी अगले आदेश तक बाहर नहीं जा सकता.
जमानत मिलने पर एंटीगुआ वापस गया
भारत ने जून, 2021 में चोकसी को वापस लाने के लिए एक प्राइवेट जेट भेजा था, लेकिन डोमिनिकन हाई कोर्ट ने उसे बेल देने से मना कर दिया और उसे डोमिनिकन जेल में ही रखने का आदेश दिया गया. डोमिनिकन कोर्ट ने जुलाई, 2021 में चोकसी को बेल दे दी थी और मेडिकल हेल्प के लिए एंटीगुआ वापस चला गया था. फरवरी, 2022 में भारत की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी थी कि मोदी, चोकसी और माल्या से 18 हजार करोड़ रुपये वसूले गए.
इंटरपोल और डोमिनिका से मिली राहत
इसी बीच मई, 2022 में डोमिनिका के स्थानीय अधिकारियों ने चोकसी को राहत देते हुए उसके खिलाफ देश में अवैध तरीके से घुसने को आरोप हटा दिया था. इसके बाद मार्च, 2023 में इंटरपोल ने चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस को वापस ले लिया. हालांकि सीबीआई ने नोटिस की बहाली की मांग उठाई थी. अब अप्रैल, 2023 में एंटीगुआ और बारबुडा की हाई कोर्ट ने चोकसी को बड़ी राहत देते हुए कहा कि उसे कोर्ट के आदेश के बिना एंटीगुआ और बारबुडा से हटाया नहीं जा सकता.
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