नई दिल्ली /श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार की मनहूस दोपहर 3.37 बजे केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल यानि सीआरपीएफ के काफिले पर बीते चंद सालों का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ जिसमें 39 जांबाज जवान शहीद हो गए. अनेक घायल हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है जिनका इलाज किया जा रहा है.
ये हमला जम्मू-कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलवामा के अवंतीपूरा में हुआ. जवानों से भरी गाड़ियां हाइवे से गुजर रही थी उसी वक्त हमला हुआ और फिर गाड़ी में आग लग गई. बताया जा रहा है कि ब्लास्ट के बाद आतंकियों ने जवानों से भरी बस पर फायरिंग भी की. विस्फोट की वजह से जवानों से भरी बस के परखच्चे उड़ गए. हमले के बाद प्रशासन ने हाइवे को बंद कर दिया और घायल जवानों को तेजी से अस्पताल पहुंचाया.
काफिले में थी 78 गांडियां और 2500 जवान
सीआरपीएफ के काफिले में 78 गाड़ियां थीं जिसमें 2500 जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे. बताया जा रहा है कि आतंकियों को इस रूट पर जवानों की गाड़ियों के मूवमेंट की जानकारी पहले से थी और उसी का फायदा उठाते हुए आत्मघाती हमलावर ने इसे अंजाम दिया. जम्मू से करीब 262 किलोमीटर दूर ये हमला हुआ है. आतंकी हमले के बाद अवंतिपुरा में भगदड़ मच गई और फिर स्थानीय दुकानदारों ने जल्दी जल्दी अपनी दुकानें बंद कर दी.
आदिल अहमद नाम के आतंकी ने इस हमले को अंजाम दिया. बताया जा रहा है कि पुलवामा का रहने वाला आदिल पिछले साल ही जैश ए मोहम्मद में शामिल हुआ था. आदिल विस्फोटकों से भरी गाड़ी लेकर हाइवे पर गया और फिर हमले को अंजाम दिया. आदिल आतंक की दुनिया में वकास कमांडो के नाम से भी जाना जाता था. बताया जा रहा है कि उसमें करीब 200 किलो विस्फोटक था. विस्फोटों को रिमोट कंट्रोल से उड़ाने का पूरा प्लान था और आतंकी आदिल ने भी ऐसा ही किया. इतने विस्फोटक के साथ कार नेशनल हाइवे पर कैसे आई इसकी जांच जरूरी है.
जैश के आतंकी ने किया हमला
अभी तक की जानकारी के मुताबिक अवंतिपुरा में जो हमला हुआ उसे जैश के आतंकी ने कार में विस्फोट रखकर ही अंजाम दिया. देश में पहली बार इस तरह कार बम से आतंकी हमले में हमारे इतने जवान शहीद हुए हैं.
सूत्रों के मुताबिक जैश ए मोहम्मद का आतंकी एक कार में सवार था. आतंकी की गाड़ी में विस्फोटक मौजूद था. बताया जा रहा है कि रिमोट से इस ब्लास्ट को आतंकियों ने अंजाम दिया. हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ है कि जिस फिदायीन ने इस हमले को अंजाम दिया वो मारा गया है या भाग निकला है.
साल 2004 के बाद जम्मू-कश्मीर में हुआ ये पहला फिदायीन हमला, अलर्ट पर थी सेना
उरी हमले में 19 जवान शहीद हुए थे
मोदी सरकार में हुए ये सबसे बड़े हमलों में से एक है. इससे पहले आतंकियों ने 2016 में उरी में हमला किया था. 18 सितंबर 2016 की उस रात आतंकियों ने सेना के कैंप पर हमला किया था जिसमें 19 जवान शहीद हो गये थे. बाद में इसका बदला सर्जिकल स्ट्राइक से लिया गया था.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह कल दौरा करेंगे
पुलवामा के जिस अवंतिपुरा में हमारे जवानों को घात लगाकर कायराना हमले में शहीद किया. उस जगह कल गृह मंत्री राजनाथ सिंह जाएंगे. राजनाथ ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल और सीआरपीएफ के डीजी से पूरे मामले पर जानकारी ली. सरकार बोल रही है कि जवानों का बलिदान खाली नहीं जाएगा.
पुलवामा कार बम अटैक पर पीएम मोदी ने कहा- जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा . पूरा राष्ट्र शहीद जवानों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है.
पुलवामा अटैक पर पीएम मोदी: ये हमला घिनौना है, जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा
कांग्रेस ने हमले की कड़ी निंदा की
कांग्रेस ने इस कायराना हमले की निंदा की है. कांग्रेस ने साथ ही मोदी सरकार पर हमला करते हुए कि आखिर 56 इंच का सीना कब जवाब देगा? कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''इस कायराना हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं. हम शहीद हुए जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं. मोदी सरकार के पिछले 5 वर्षों में यह 18 वां बड़ा आतंकी हमला है. 56 इंच की छाती कब जवाब देगी? इसके अलावा प्रियंका गांधी ने शहीदों के प्रति अपनी सहानुभूति दर्ज करते हुए प्रेस कांफ्रेस कैंसिंल कर दी.
पुलवामा अटैक: कांग्रेस ने कड़ी निंदा करते हुए कहा- 56 इंच का सीना कब जवाब देगा?
हमले से बॉलीवुड में गुस्सा
जवानों पर हुए इस हमले से बॉलीवुड में भी गुस्सा है. बॉलीवुड सेलिब्रिटीज ने जवानों के परिवार के प्रति सहानुभूति दर्ज करवाते हुए घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना की है. अभिनेता अक्षय कुमार का कहना है कि जवानों के प्रति हुए इस हमले को भुलाया नहीं जाना चाहिए. वहीं अजय देवगन ने कहा कि गुस्से के बयां करने के लिए शब्द काफी नहीं है. अभिषेक बच्चन ने भी जवानों पर हुए हमले की निंदा की.
जवानों पर हमले से बॉलीवुड में गुस्सा, कहा- इस बात को भुलाया नहीं जा सकता
क्रिकेटरों ने भी दी प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के साथ वीरेंद्र सहवाग ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. सहवाग ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर शहीद जवानों के परिवार वालों के लिए अपना दुख प्रकट किया. सहवाग ने ट्वीट कर कहा, ''आतंकवादियों के इस कायरतापूर्ण हमले से मन दुखी है. इस हमले में हमारे सीआरफीएफ के कई जवान शहीद हो गए. इस दर्द को बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है.''
बस में सवार थे 42 जवान
जम्मू कश्मीर के अवंतीपुरा में आतंकी हमले में जिस बस को निशाना बनाया गया उसमें 42 जवान सवार थे. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 30 से ज्यादा जवान शहीद हो गए हैं. जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने बस पर फिदायीन हमला किया. फिदायीन हमले में जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया गया उसमें 200 किलोग्राम विस्फोटक भरा हुआ था. ये विस्फोट इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और तकरीबन पांच किलो मीटर तक इसकी आवाज सुनाई थी. ये हमला तब किया गया जब सीआरपीएफ जवानों काफिला श्रीनगर से पुलवामा ले जाया जा रहा था. बस पर हमले के बाद आतंकियों ने फायरिंग भी की.
पुलवामा अटैक: जिस बस पर हमला हुआ उसमें 42 जवान थे सवार, जिनमें 30 शहीद हुए, यहां पढ़ें सभी के नाम
पांच किलोमीटर दूर तक सुनाई दी विस्फोट की आवाज
खबरों के मुताबिक एक छोटी गाड़ी में फिदायीन हमलावर बैठा हुआ था और वो विस्फोटक से भरी गाड़ी लेकर बस से टकरा गया. इस ब्लास्ट के बाद आतंकियों ने फायरिंग भी की. इस घटना के बाद जम्मू-श्रीनगर हाईवे को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. विस्फोट इतना तेज था कि उसकी आवाज तकरीबन पांच किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड अटैक भी किया.
बता दें कि हाईवे पर सुबह 8 बजे से लेकर रात 8 बजे तक सुरक्षाबल तैनात रहते हैं. लेकिन इसके बाद भी इतना बड़ा हमला होना सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है. इस तरह की मूवमेंट के दौरान भी चार से पांच गाड़ियां काफिले की सुरक्षा के लिए चलती हैं. इसके अलावा कुछ जवान पैदल चलते हुए भी इसकी निगरानी रखते हैं कि कहीं कोई आतंकी काफिले में घुसने की कोशिश तो नहीं कर रहा है.
J&K: दोपहर 3.37 बजे कैसे हमले को अंजाम दिया गया, सिलसिलेवार जानिए उस मनहूस घड़ी का पूरा ब्यौरा
कहां रह गया लूप होल
बता दें कि सुरक्षाबलों का काफिला जब गुजरता है तो उस दौरान हाईवे पर आम लोगों की आवाजाही को रोका नहीं जाता है. आतंकियों ने इसी बात का फायदा उठाया है और इतने बड़े हमले को अंजाम दे दिया.
पुलवामा अटैक: 2547 जवानों के होते हुए कैसे रह गई सुरक्षा में चूक, कैसे हुआ हमला? यहां जानें