In Detail: पीएम मोदी पर राहुल गांधी के आरोपों की 'कानूनी कहानी'
नई दिल्ली: राहुल गांधी ने आज गुजरात में पीएम मोदी के जन्मस्थान मेहसाणा में उन पर पर बड़ा और 'निजी' आरोप लगाया. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश के दौ बड़े औद्योगिक घराने सहारा और बिड़ला ने पीएम मोदी को करोड़ों रुपये दिए. राहुल गांदी से पहले इस तरह के आरोप दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी लगा चुके हैं. इन सब के बीच सबसे बड़ी सवाल है कि आखिर पूरा मामला क्या है जिस पर पीएम को घेरने की कोशिश हो रही है.
आपको बता दें कि जिन दस्तावेजों के आधार पर राहुल गांधी ने पीएम पर आरोप लगाए हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट नाकाफी बता चुका है. एनजीओ कॉमन कॉज़ ने इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. 25 नवंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट मामले में जांच का आदेश देने से इंकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि उसके सामने पेश किये गए दस्तावेज पर्याप्त नहीं हैं. सिर्फ आरोप के आधार पर इतने बड़े संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता.
कॉमन कॉज़ के वकील राम जेठमलानी के आग्रह पर कोर्ट ने उन्हें ठोस सबूत पेश करने के लिए 14 दिसंबर तक समय दिया. 14 दिसंबर को राम जेठमलानी कोर्ट में पेश ही नहीं हुए. कोर्ट में आए वकील प्रशांत भूषण को 2 दिन का समय देते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर 2 दिन में ठोस सबूत नहीं पेश किये गए तो मामले को ख़ारिज कर दिया जाएगा.
16 दिसंबर को एक बार फिर प्रशांत भूषण ने सबूत देने के लिए समय की मांग कर दी. उन्होंने मामले की सुनवाई कर रह जस्टिस जे एस खेहर की चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्ति का मसला उठा दिया. उन्होंने कहा - अभी जस्टिस खेहर की बतौर चीफ जस्टिस नियुक्ति की फाइल सरकार के पास है. इस समय मामला ख़ारिज हुआ तो लोगों को गलत संदेश जाएगा.
भूषण के इस तरीके पर गहरी नाराज़गी जताते हुए बेंच ने कहा कि भूषण इस तरह का दबाव बना कर उन्हें नहीं झुका सकते. हालांकि, बाद में बेंच ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 जनवरी तय कर दी.