एक्सप्लोरर
Advertisement
CBI ने दर्ज की लालू-राबड़ी और तेजस्वी पर FIR, जानिए घोटाले की पूरी कहानी
नई दिल्ली : आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं. सीबीआई ने उनके खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर ली है. लालू पर रेलमंत्री रहते वित्तीय गड़बड़ियों के गंभीर आरोप लगे हैं. इसके साथ ही इस पूरे 'गड़बड़झाले' में उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेचे तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम भी आया है.
लालू परिवार के अलावा सीबीआई ने एफआईआर में चार अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इसके साथ ही प्राथमिक जांच में जो बातें सीबीआई की ओर से दर्ज कराई गई है वह काफी गंभीर है. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में पूरी कहानी बताई है कि किसी तरह से करीब 100 करोड़ की जमीन का सौदा महज 64 लाख में कर दिया गया.
कहानी शुरू होती है 2004 से :
आईआरसीटीसी के गठन के बाद सन 2004 में यह तय किया गया कि रांची और पुरी स्थित रेलवे के होटल बीएनआर का संचालन भारतीय रेलवे से लेकर आईआरसीटीसी को दे दिया जाएगा. इसके ठीक बाद ही लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री के तौर पर पदभार संभाला. सीबीआई के अनुसार उनकी नजर इस फैसले पर पड़ी और वे 'साजिश' में लग गए.
साजिश में शुरू से शामिल थे आरोपी :
सीबीआई के अनुसार इस साजिश में सभी आरोपी शुरू से ही शामिल थे. इसमें सुजाता होटल्स के मलिक हर्ष कोचर व विनय कोचर, लालू के करीबी पीसी गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता और आईआरसीटीसी के अधिकारी की मुख्य भूमिका रही. साजिश के तहत होटलों पर अधिकार पाने के लिए पूरी योजना बनाई गई और एक साथ ही कई काम हुए.
डेढ़ करोड़ के सौदे के साथ हुई शुरूआत :
इसी साजिश के तहत कोचर बंधुओं ने फरवरी, 2005 में पटना में तीन एकड़ की प्राइम लैंड का सौदा एक करोड़ 47 लाख में तय किया. जमीन को डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को बेच दिया गया. इस कंपनी का मालिकाना हक प्रेम चंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के पास था. दावा है कि यह लालू यादव की ही बेनामी कंपनी थी.
जमीनों के नाम पर भी दिया गया धोखा :
बेनामी कंपनी ही नहीं जो जमीन कोचर बंधुओं ने बेची उसकी कीमत मौजूद सर्किल रेट और मार्केट रेट से काफी कम लगाई गई थी. यही नहीं सबसे बड़ा धोखा यह था कि जमीनों तो व्यवसायिक इस्तेमाल की थी लेकिन उन्हें कृषि की जमीन दिखाया गया. इसके जरिए स्टैंप ड्यूटी से भी सौदे में आरोपी बच गए. यही नहीं सौदे की रकम के लेन-देन में भी गड़बड़ी हुई.
जमीन के सौदे के दिन ही हुआ बड़ा फैसला :
सीबीआई का आरोप है कि जिस दिन यह सौदा हुआ उसी दिन रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी को बीएनआर होटलों की कमान सौंपने का ऐलान किया. इसी के बाद दोनों होटलों का प्रबंधन 'रहस्यमयी' तरीके से कोचर बंधुओं की कंपनी को सौंप दिया गया. इसके लिए जो टेंडर निकाला गया वह भी गलत था और उसमें साजिश की गई. इसमें तत्कालनी आईआरसीटीसी के निदेशक पीके गोयल का भी नाम था.
बीएनआर होटल चलाने के लायक नहीं थे कोचर बंधु :
सीबीआई की जांच में यह पता चला है कि जो टेंडर इसके लिए निकाले गए थे उसकी शर्तों को कोचर बंधु की कंपनी पूरा नहीं करती थी. इसके बावजूद उन्हें काम सौंप दिया गया. यही नहीं टेंडर प्रोसेस में जिन 'प्रतिद्वंदी' कंपनियों ने अपना-अपना दावा पेश किया था, उनका भी कोई रिकार्ड आईआरसीटीसी के पास नहीं है जो कि शक पैदा करता है.
होटलों के सौदे के बाद ही जमीन का गोलमाल :
सीबीआई को पता चला कि होटलों का काम मिलने के बाद ही डिलाइट मार्केटिंग कंपनी की डायरेक्टर सरला गुप्ता ने कंपनी के शेयर लालू के परिजनों को सौंप दिए. यही नहीं बाद में डिलाइट कंपनी का नाम भी बदल दिया गया और लारा प्रोडेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड हो गया.
धीरे-धीरे कर चार साल तक चला सौदे का खेल :
यही नहीं सीबीआई के अनुसार जमीनों का सौदा 2005 में हुआ था लेकिन इसका शेयर सन 2010 से लेकर 2014 के बीच लालू के परिवार को सौंपा गया. इसके साथ ही जमीन की जो कीमत 2014 में थी वह काफी ज्यादा थी. जिसमें सर्किल रेट के अनुसार तीन एकड़ की कीमत 32 करोड़ और मार्केट रेट के अनुसार करीब 94 करोड़ आंकी गई है. लेकिन, सरला गुप्ता की ओर से महज 65 लाख में सौंप दी गईं.
लालू और उनके परिवार पर सीधा आरोप :
सीबीआई का कहना है कि रेल मंत्री होने के नाते बीएनआर होटलों के 'खेल' की पूरी जानकारी लालू यादव को थी. इसके साथ ही इसी दौरान चल रहे जमीन के सौदों में भी उनकी भूमिका थी. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि जमीन के लालच में ही कोचर बंधुओं को सहायता पहुंचाई गई. बीएनआर होटलों की लीज के बदले लालू के परिवार ने जमीन का लाभ लिया है.
यह धाराएं हुई हैं दर्ज :
सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की अलग-अलग धाराओं के तहत एफआईआर हुई है. इनमें सेक्शन 420 (धोखाधड़ी), सेक्शन 120बी (साझा साजिश यानी कॉमन कॉन्सपिरेसी) शामिल हैं. इसके साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (पीसी एक्ट) की धाराओं 13(2) और 13(1) (डी) भी एफआईआर में जोड़ी गई है.
आरोपियों के नाम :
जो आरोपी इस मामले में नामजद हैं उनके नाम हैं लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी प्रसाद यादव, सरला गुप्ता, विजय कोचर, विनय कोचर, लारा प्रोजेक्ट्स और आईआरसीटीसी के पूर्व महानिदेशक पीके गोयल.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke - only on Games Live
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
विश्व
ओटीटी
चुनाव 2024
Advertisement