ड्रोन, एनएसजी कमांडो सहित अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के वो पुख्ता इंतजाम जो पहले कभी नहीं हुए
28 जून से 26 अगस्त तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा में आतंकियों की नापाक हरकतों को नाकाम करके लिए अमरनाथ यात्रा के इतिहास में पहली बार सुरक्षा के ऐसे इंतजाम किए गए हैं जो पहले कभी नहीं हुए.
नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर की फिजाओं में एक बार फिर बम-बम भोले की आवाज गूंजने वाली है. कम बर्फबारी के चलते इस साल 60 दिन तक बाबा के दर्शन का मौका मिलेगा. कठिन परिश्रम और मुश्किलों वाली यात्रा के दौरान भोले के भक्तों के स्वागत सत्कार में कोई कमी न रह जाए इसके लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इसके अलावा 28 जून से 26 अगस्त तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा में आतंकियों की नापाक हरकतों को नाकाम करके लिए अमरनाथ यात्रा के इतिहास में पहली बार सुरक्षा के ऐसे इंतजाम किए गए हैं जो पहले कभी नहीं हुए
यात्रियों की सुविधा के लिए ये हैं इंतजाम बालटाल जहां से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होती है और 14 किलोमीटर की कठिन यात्रा करके श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर पाते हैं. उस बालटाल में यात्रियों के आराम के लिए कैंप लगाया गया है. इसके अलावा श्रद्धालुओं को मेडिकल सुविधा देने के लिए कई कैंपों में मेडिकल सेंटर भी बनाए गए हैं. पूरे रास्ते में श्रद्धालुओं के लिए 120 जगह पर लंगर के इंतजाम किए गए हैं. पीने के लिए इस बार आरओ का पानी मिलेगा. 200 से अधिक आरओ लगाए गए हैं. जम्मू में यात्रियों के लिए 13 एसी हॉल भी हैं
बालटाल से यात्रियों का जत्था बाबा के दर्शन के लिए जाएगा. यहां स्वागत का बोर्ड लगा है. ऊंचे ऊंचे पहाड़ और इन पहाड़ों के बीच संकरे और इन घुमावदार रास्तों से गुजरकर हजारों यात्री हर रोज बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाएंगे.
सुरक्षा के हैं ये पुख्ता इंतजाम एक तरफ रास्ता है तो दूसरी तरफ सिंध नदी बह रही है. इस रास्ते पर अभी से घोड़े खच्चरों से सामान पहुंचाने का काम भी शुरू हो गया है. आसमान में हेलिकॉप्टर से सुरक्षाकर्मी अभी से पूरे रास्ते की सुरक्षा पर नजर बनाए हुए है. पूरे दिन इसी तरह से हेलिकॉप्टर से गश्त लगाई जा रही है ताकि आस्था के दुश्मनों पर नजर रखी जा सके. इन हेलिकॉप्टरों के जरिये हमारे जवान यात्रा के रास्ते पर आसमान से पैनी निगाह रखेंगे.
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए पहली बार 2 दर्जन एनएसजी कमांडो की तैनाती का फैसला किया गया है. गाड़ियों में पहली बार रेडियो फ्रीक्वेंसी डिवाइस लगेगा. जिससे लोकेशन का पता चल सकेगा. मुसीबत में फंसते ही पुलिस-सेना पहुंच जाएगी. जम्मू के लखनपुर से लेकर कश्मीर तक जाने वाले हर रास्ते पर ड्रोन से नजर रहेगी. चप्पे चप्पे पर सेना और सुरक्षा बलों के जवान तैनात हैं.
पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए दो रास्तों से जाया जाता है. जम्मू से पहलगाम होते हुए एक रास्ता जाता है जबकि दूसरा श्रीनगर से बालटाल होते हुए जाता है. बालटाल से बाबा की गुफा तक सिर्फ 14 किलोमीटर की चढ़ाई है इसलिए ये रास्ता लोकप्रिय है. अमरनाथ यात्रियों के लिए 213 कंपनियों को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है.