दिल्ली में अब सड़कों पर नजर आएंगी Fully ऑटोमेटिक वॉटर ट्रॉली, नए फीचर किए गए हैं शामिल
राजधानी दिल्ली में अब सड़कों पर ऑटोमेटिक वॉटर ट्रॉली नजर आएंगी. बता दें कि पानी की ट्रॉली को अपग्रेड किया गया है और इसमें नए फीचर शामिल किए गए हैं. यानी आने वाले दिनों में सड़कों पर पूरी तरह ऑटोमेटिक वॉटर ट्रॉली नजर आएंगी. इसके साथ ही इन पानी की ट्रॉली में स्वास्थ्य मानकों को सुनिश्चित करने के प्रावधान भी होंगे.
![दिल्ली में अब सड़कों पर नजर आएंगी Fully ऑटोमेटिक वॉटर ट्रॉली, नए फीचर किए गए हैं शामिल Fully automatic water trolley will now be seen on the roads in the capital Delhi, new features have been included दिल्ली में अब सड़कों पर नजर आएंगी Fully ऑटोमेटिक वॉटर ट्रॉली, नए फीचर किए गए हैं शामिल](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/06/17113039/summer-in-india-GettyImages-1150248880.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
राजधानी दिल्ली में पानी की ट्रॉलियों के डिजाइन में कुछ नए फीचर एड किए गए हैं. जैसे स्टेनलेस स्टील के पानी के डिस्पेंसर, ऑटोमेटिक सेंसर, पुश बटन - ये फीचर पानी की ट्रॉलियों के लिए नए डिजाइन का हिस्सा हैं, जिन्हें दिल्ली के कई साउथ एमसीडी क्षेत्रों में रोल आउट किया जाना है.
पानी की ट्रॉलियों में नए फीचर किए गए हैं शामिल
सोमवार को नागरिक निकाय द्वारा पारित नीति के मुताबिक, ट्रॉलियां स्टेनलेस स्टील की हो सकती हैं और एक डिस्पेंसर से फिटिड हो सकती हैं या मैन्युअल रूप से संचालित स्टील कार्ट हो सकती हैं. सिक्के लेने के बाद इन ट्रॉली से पानी डिस्पेंस होने लगेगा. इसके लिए इन ट्रॉली में कंट्रोलर, फ्लो सेंसर, बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक पुश बटन दिए जाएंगे. साउथ एमसीडी के नेता नरेंद्र चावला ने कहा कि ट्रॉलियों में स्वास्थ्य मानकों को सुनिश्चित करने के प्रावधान होंगे. इसके साथ ही ये नए डिजाइन की पानी की ट्रॉलियां शहर के सौंदर्य को भी बढाएंगी.
ट्रॉलियों के लिए 2000 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी
कॉन्ट्रैक्टर को इन ट्रॉलियों के लिए 2000 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस और 1हजार रुपये वार्षिक शुल्क देना होगा. गौरतलब है कि ई-रिक्शा पर ट्रॉलियों के लिए पंजीकरण शुल्क 5,000 रुपये होगा जबकि वार्षिक शुल्क 2,000 रुपये देना होगा.
प्लास्टिक के बजाय बायोडिग्रेडेबल ग्लास किए जाएंगे इस्तेमाल
नीति में प्लास्टिक के बजाय बायोडिग्रेडेबल ग्लास के उपयोग पर जोर दिया गया है, और कचरे के निपटान के लिए एक कूड़ेदान को कवर किया गया है. यह ट्रॉलियों में दिल्ली जल बोर्ड के पानी के उपयोग पर जोर देता है. अगर इन ट्रॉली में अन्य पानी का उपयोग किया जाता है, तो सरकारी लैब से पानी की फिटनेस रिपोर्ट लेनी अनिवार्य होगी.
वाटर प्लांट के मालिक कीमत तय कर सकते हैं
बता दें कि राजधानी दिल्ली में 1,623 ऐसी ट्रॉलियां हैं, जो एक गिलास पानी के लिए लगभग 2 रुपये चार्ज करती हैं. एमसीडी स्वास्थ्य मानदंडों पर नजर रखती है लेकिन कीमतों को नियंत्रित नहीं करती है.साउथ एमसीडी के नेता नरेंद्र चावला के मुताबिक वाटर प्लांट के मालिक यह तय कर सकते हैं कि दरों में वृद्धि की जाए या नहीं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि निगम की मुख्य चिंता यह है कि पानी को उपभोग के लायक होना चाहिए.
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