Popular Front of India: टेरर फंडिंग (Terror Funding) को लेकर नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े पदाधिकारियों पर देशभर में कार्रवाई की है. ईडी की आगे की जांच में पता चला है कि पीएफआई के विदेश में रहने वाले कुछ सदस्यों ने भारत में प्रवासी भारतीयों (NRI) खातों में फंड भेजा, जिसे बाद में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन को ट्रांसफर कर दिया गया.
बताया जा रहा है कि इसका मकसद फॉरेन फंडिंग से जुड़े कानून से बचना था. एक दिन पहले ही नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने पीएफआई के खिलाफ देशभर में छापे मारे थे और उसके चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था. ईडी ने आरोप लगाया कि पीएफआई ने विदेश में फंड इकट्ठा किया और उसे भारत भेजा.
सरकारी एजेंसियों में छुपाया गया फंड
ईडी ने यह भी बताया कि फंड पीएफआई/सीएफआई और अन्य संबंधित संगठनों के सदस्यों, कार्यकर्ताओं या पदाधिकारियों के अकाउंट के जरिए भी भेजा गया. एजेंसी ने कहा कि विदेश से हासिल फंड को सरकारी एजेंसियों से छुपाया गया और पीएफआई द्वारा ऐसे फंड और चंदा को जुटाने में नियमों का पालन नहीं किया गया, क्योंकि वह फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के तहत रजिस्टर नहीं है.
NIA-ED के शिकंजे में पीएफआई
बता दें कि, देश की सबसे बड़ी काउंटर टेररिस्ट एजेंसी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने 22 सितंबर की आधी रात को अब तक का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया था, जोकि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI के खिलाफ था. यह रेड देश के तमाम राज्यों में मारी गई थी. एनआईए (NIA) को इस एंटी टेरर सर्च ऑपरेशन में भारी कैश, डिजिटल डिवाइस, आपत्तिजनक डाक्यूमेंट्स और तेजधार हथियार बरामद हुए हैं.
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