दक्षिण भारत में हिंदी का प्रचार करने के लिए दिए गए फंड में हेराफेरी! CBI ने दर्ज की FIR, जानें पूरा मामला
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (DBHPS) का मुख्यालय चेन्नई में है. यह संस्थान दक्षिण भारत में गैर-हिंदी भाषी लोगों के बीच हिंदी साक्षरता में सुधार के लिए काम करता है.
CBI FIR In Funds Misused Case: सीबीआई ने सोमवार को दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (DBHPS) के पूर्व अध्यक्ष शिवयोगी आर निरलकट्टी और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी व आपराधिक साजिश की प्राथमिकी दर्ज की है. एजेंसी ने कहा कि पूर्ववर्ती केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) ने अनुदान जारी किया था, जिसका डीबीएचपीएस के तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष शिवयोगी आर निरलकट्टी ने कथित तौर पर गबन किया.
FIR में आरोप लगाया गया, "जांच से पता चला कि हिंदी को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों को मानदेय के भुगतान के संबंध में केंद्र सरकार के अनुदान को डीबीएचपीएस, धारवाड़ ने डीबीएचपीएस, कर्नाटक के अधीन बी.एड कॉलेज के प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, क्लर्क और सहायक को वेतन के भुगतान के लिए इस्तेमाल किया था.’’
5.78 करोड़ की हेराफेरी
प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआई ने कार्रवाई की. जांच में पता चला कि 2004-05 से 2016-17 के दौरान डीबीएचपीएस, धारवाड़ ने 600 शिक्षकों के माध्यम से हिंदी प्रचार के लिए 5.78 करोड़ रुपये की हेराफेरी की और अनधिकृत रूप से बी.एड कॉलेज के कर्मचारियों को वेतन के भुगतान के लिए इस राशि का इस्तेमाल किया. एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपियों ने लाभ और हानि के विवरण को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया और केंद्र सरकार को झूठे बयान दिए.
क्या है DBHPS
DBHPS का मुख्यालय चेन्नई में है. यह संस्थान दक्षिण भारत में गैर-हिंदी भाषी लोगों के बीच हिंदी साक्षरता में सुधार के लिए काम करता है. साल 1964 में भारत सरकार ने संसद के एक कानून के माध्यम से डीबीएचपीएस को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता दी.
ये भी पढ़ें- बागेश्वर सरकार के धीरेंद्र शास्त्री की जान को खतरा? चचेरे भाई को फोन पर मिली धमकी, कहा- 13वीं की कर लो तैयारी