दिल्ली नगर निगम चुनाव और गुजरात विधानसभा का शोरगुल शांत होने के बाद बीजेपी साल 2024 के लोकसभा चुनाव जुटने वाली है. इसी बीच देश में जी-20 सम्मेलन के कार्यक्रम भी शुरू हो गए हैं.
जी-20 सम्मेलन की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार के लिए ये जी-20 शिखर सम्मेलन बेहद खास है. सरकार के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है जिसमें देश अध्यक्षता करने जा रहा है.
क्योंकि इस सम्मेलन के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर सरकार को मजबूती मिलेगी और इसे बीजेपी साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भुनाने की पूरी कोशिश करेगी.
बीजेपी ने 5 और 6 दिसंबर को कोर कमेटी की एक अहम बैठक बुलाई है. ये बैठक दिल्ली में है. जिसमें बीजेपी के सभी पदाधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष,सचिव, महासचिव, संगठन मंत्री समेत तमात बीजेपी के वरिष्ठ नेता शामिल होगें.
इसके साथ ही इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वर्चुअली शामिल हो सकते हैं. माना जा रहा है इस बैठक में बीजेपी अब आने वाले कार्यक्रमों को लेकर चर्चा कर सकती है. जिसमें 2024 का लोकसभा चुनाव सबसे अहम है.
2 दिवसीय इस बैठक में जी-20 सम्मेलन को लेकर भी चर्चा होगी. जिसमें भारत की अध्यक्षता में दूसरे देशों से आने वाले प्रतिनिधियों के स्वागत कार्यक्रम से लेकर अन्य कार्यक्रमों पर चर्चा की जा सकती है.
बैठक में पार्टी इस बात पर चर्चा कर सकती है कि आगे किस तरीके से पार्टी को बढ़ना है, किन किन मुद्दों को लेकर लोगों के बीच जाना है, साथ ही सबसे अहम अगले होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन का क्या महत्व है, देश को इसके जरिए क्या फायदा हो सकता है. देश इसकी अध्यक्षता कर रहा है इसका क्या अर्थ है?
इन तमाम चीजों को लेकर बीजेपी बूथ स्तर तक पहुंचाने की कोशिश करेगी. जिससे की पार्टी के हर एक कार्यकर्ता तक इसका संदेश पहुंचे और लोग इसका महत्व समझ सकें.
क्या है जी-20 शिखर सम्मेलन?
जी-20 एक समूह है जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल है. जिसमें भारत के साथ-साथ अमेरिका, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, दक्षिण कोरिया,फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, युनाइटेड किंगडम और यूरोपीय संघ शामिल है. इसके साथ ही स्पेन इसमें स्थायी अतिथि है जो हर साल आमंत्रित किया जाता है.
साल 2008 से शुरू हुए इस सम्मेलन की अध्यक्षता इस साल भारत करने जा रहा है. साल 2008 में आई आर्थिक मंदी के बाद इन देशों का समूह गठित किया गया था. जिसमें वैश्विक स्तर पर आर्थिक मामलों की चर्चा के लिए सभी देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं. इस सम्मेलन का आयोजन हर साल किया जाता है और अगले साल 2023 में भारत में 9 और 10 सितंबर को राजधानी दिल्ली में अगला शिखर सम्मेलन होने जा रहा है. जिसकी अध्यक्षता भारत करेगा.
देश के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है साथ ही ऐतिहासिक क्षण है.जब भारत इस सम्मेलन की मेजबानी करेगा. जिसका देश के हर एक नागरिक तक बड़ा संदेश जाएगा.हालांकि पहले से ही देश में ये संदेश गया है कि प्रधानमंत्री मोदी के आने से देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान बढ़ा है. भारत का कद अंतराष्ट्रीय मुद्दों पर ऊंचा हुआ है. भारत की अर्थव्यवस्था लगातार आगे बढ़ रही है. देश का सम्मान बढ़ रहा है. इसी कड़ी में देश को ये मौका मिला है.
इन राज्यों में सगंठन को मजबूत करने पर चर्चा
जी-20 सम्मेलन के जरिए पार्टी जहां सभी नागरिकों को एक बड़ा संदेश देगी उसके साथ ही पार्टी के लिए चुनौती उन राज्यों में भी रहेगी जहां बीजेपी की सरकार नहीं है. इन राज्यों में संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी जोर देगी जिससे कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत की राह आसान हो सके.
जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है और यहां संगठन को मजबूत करने की जरूरत है उनमें बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, पंजाब, दिल्ली, तमिलनाडु जैसे राज्यों है.
बिहार में पार्टी को झटका लगा है क्योंकि यहां बीजेपी की सरकार थी, लेकिन जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल के साथ आने के बाद बीजेपी को बिहार में नई चुनौती मिली है.
यहां पार्टी लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. साल 2019 के चुनाव में एनडीए को 40 लोकसभा सीटों में 39 पर जीत मिली थी. दक्षिण भारत में भी पार्टी को खुद को मजबूत करने की पुरजोर कोशिश करनी है, तेलंगाना, तमिलनाडु जैसे राज्यों में बीजेपी के लिए सीटें निकालना टेढ़ी खीर है.
इन तमाम चुनौतियों के बीच जी-20 के जरिए सरकार की मजबूत छवि जनता के सामने पेश करने का अच्छा मौका है. पिछले लोकसभा चुनाव में 'नमस्ते ट्रंप' जैसा कार्यक्रम हुआ था जिसमें अमेरिका तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हिस्सा लिया था. लेकिन जी-20 सम्मेलन में दुनिया ताकतवर देशों के नेता हिस्सा लेंगे और उनका अध्यक्ष भारत होगा.