G-20 Meeting: पाकिस्तान का अपना घर जल रहा है, लेकिन पाकिस्तान का भारत विरोधी तंत्र अपनी करतूतों से बाज़ नहीं आ रहा. इसका सबूत है श्रीनगर में होने वाली जी-20 की बैठक में खलल डालने का प्लान पाक के इशारे पर चलाया जा रहा है. 


इसके लिए बाकायदा पूरी टूलकिट बनाई गई है. जिसमें भारत के लिए जहर उगलने का स्टेप बाय स्टेप फॉर्मूला बताया गया है. इसके लिए बाकायदा एक वेबसाइट बनाकर उस पर ये टूलकिट डाली गई है.


स्टैंड विथ कश्मीर वेबसाइट पर सोशल मीडिया से लेकर सड़क के धरनों तक लोगों से जी-20 आयोजन के विरोध के लिए जुटने को कहा गया है. साथ ही अलगाववाद के हिमायतियों से हर मंच पर इसे उठाने की भी बात कही गई है.


गोवा में एससीओ की बैठक के लिए आए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारतीय ज़मीन पर रहते हुए G20 बैठक को लेकर आपत्तियां उठाई थी. एबीपी न्यू़ज की सोर्स पड़ताल बताती है कि बिलावल के भारत दौरे की घोषणा के करीब ही स्टैंड विथ कश्मीर वेबसाइट को सक्रिय किया गया. यह वेबसाइट और इसको चलाने वाली कथित संस्था को अमेरिका में एनजीओ के तरह रजिस्टर किया गया है.


हिजबुल मुजाहिदीन संगठन कर रहा है काम 
साथ ही इस वेब पेज को होस्ट करने वाले सर्वर से कंपनी और उसके अन्य डीटेल मास्क रखे गए हैं. सूत्रों के मुताबिक. इस वेबसाइट के पीछे अलगाववादी ही नहीं हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के हिमायती तत्व भी काम कर रहे हैं. यह पूरा मिशन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्लान पर काम कर रहा है. 


हालांकि, रोचक बात यह है कि अपनी पहचान ठीक तरीके से उजागर न करने वाली यह वेबसाइट भारत विरोधी और अलगाववादी एजेंडा चलाने के साथ-साथ सामान भी बेच रही है. इसमें 22 डॉलर मूल्य में कैलेंडर, 15 डॉलर की टीशर्ट और 9 डॉलर में मोबाइल कवर बेचे जा रहे हैं.


यासीन मलिक मलिक की पत्नी का आया नाम
इतना ही नहीं भारत के जी20 आयोजन में खलल डालने वाले पाकिस्तानी एजेंडा पर डेटा इंटेलिजेंस कंपनी इनेफू की रिपोर्ट बताती है कि भारत से लेकर यूरोप तक विषैले प्रचार का प्लान तैयार किया गया है.


इसके तहत सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक विरोध की आंच बढ़ाने और भारत के जी-20 का आयोजन में बाधा डालने की योजना है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 100 से ज्यादा प्रोफाइल और मोबाइल नंबर टूलकिट के जरिए तैयार दुष्प्रचार सामग्री को बढ़ाते हुए पाए गए. इसके अलावा अलगाववादी आतंकी यासीन मलिक मलिक की पत्नी के 14 मई को हुए प्रोटेस्ट में भी इसी टूलकिट के नारे और प्रचार सामग्री देखने को मिली.


पड़ताल में क्या आया?
इतना ही नहीं खुफिया एजेंसियों की पड़ताल में यह बात भी सामने आई कि इस प्रचार सामग्री को नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग को भी भेजा गया ताकि भारत में इसको बढ़ाया जा सके. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के कश्मीर डेस्क से इसको हिंदुस्तान विरोधी प्रचार के लिए भेजा गया.  


इस बीच सरकारी सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की इस साजिश को नाकाम और उजागर करने के साथ ही भारत की तरफ से श्रीनगर की बैठक को कामयाब बनाने के पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियां भी मुस्तैद हैं ताकि पाकिस्तान के मंसूबों को असफल बनाया जा सके. 


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