G-7 Summit 2024 in Italy: इटली में 13-15 जून तक जी-7 का शिखर सम्मेलन हुआ. इस सम्मेलन में भारत को भी इन्वाइट किया गया था और देश की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल हुए. उनकी मौजूदगी ने खूब सुर्खियां भी बटोरीं. उन्होंने इस सम्मेलन के दौरान कई राष्ट्र प्रमुखों संग बातचीत भी की.


इस पूरे सम्मेलन में भारत की मौजूदगी काफी मजबूत दिखी, लेकिन आप ये जानकर हैरान होंगे कि इस सम्मेलन में इतना दबदबा रखने वाला भारत जी-7 ग्रुप का सदस्य नहीं है. इसके बावजूद भी उसे हर साल इस समिट के लिए न्यौता मिलता है और भारत इसमें शामिल भी होता है. इस दौरान उसे खूब तवज्जो भी मिलती है.


लगातार बढ़ रहा भारत का दबदबा


साल 2023 में जापान के हिरोशिमा में हुए जी-7 सम्मेलन में भारत शामिल हुआ था. 2019 में भी हुए जी-7 सम्मेलन में भारत को बुलाया गया था. अमेरिका में 2020 में जो जी7 समिट होना था उसमें भी बुलाया गया था, लेकिन बाद में कोरोना की वजह से इसे कैंसल करना पड़ा था.


ये है भारत को तवज्जो देने की वजह


लोगों के मन में अक्सर ये सवाल उठता है कि जब भारत जी-7 का सदस्य नहीं है तब उसे इतनी तवज्जो क्यों मिलती है. इसका जवाब काफी स्पष्ट है और भारत को इसमें शामिल करने के पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं. दरअसल, जी-7 का भारत के साथ बात करना बहुत जरूरी है. भारत की अर्थव्यवस्था 2.66 ट्रिलियन डॉलर की है, जो जी-7 के तीन सदस्यों (फ्रांस, इटली और कनाडा) से बड़ी है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. आईएमएफ की एशिया पेसेफिक की उप-निदेशक ऐनी मैरी-गुल्डे-वुल्फ ने 2023 में कहा था कि भारत दुनिया के लिए प्रमुख आर्थिक इंजन हो सकता है जो इन्वेस्टमेंट, बिजनेस औऱ कंजम्प्शन के जरिये वैश्विक विकास को गति देने में सक्षम है.


ये भी है एक कारण


भारत ने चीन को जनसंख्या के मामले में पीछे छोड़ दिया है. भारत की 68 प्रतिशत आबादी कामकाजी है. यानी इनकी उम्र 15 से 64 के बीच में है. 65 प्रतिशत आबादी .35 साल से नीचे की है. भारत में युवा स्किल्ड और सेमी स्किल्ड लोगों की अच्छी संख्या है.


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