नई दिल्ली: फिंगरप्रिंट निदेशकों के दो दिवसीय अखिल भारतीय सम्मेलन के दौरान बोलते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि सरकार पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की दिशा में काम कर रही है और महिलाओं के प्रति अपराध समाप्त करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि क्राइम ट्रैकिंग की दिशा में फिंगरप्रिंट की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
गृहराज्य मंत्री ने कहा कि हमारे अंगुली छाप (फिंगरप्रिंट) से जांच में बहुत मदद मिलती है और यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण टूल के रूप में काम करता है. रेड्डी ने कहा कि अंगुली छाप (फिंगरप्रिंट) एक क्राइम सीन को दूसरे से जोड़ने के साथ यह भी बताता है कि क्या उसमें एक या एक से अधिक व्यक्तियों की भागीदारी रही. फिंगरप्रिंट के द्वारा अपराध करने वाले के क्राइम रिकॉर्ड का भी पता चलता है. उन्होंने कहा की डिजिटलाइजेसन होने औऱ नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट सिस्टम (NAFIS) एक्टिव होने से अपराध नियंत्रित करने में और अधिक सफलता प्राप्त होगी.
इस अवसर पर ई– साइबर लैब का उद्घाटन करते हुए रेड्डी ने कहा कि अपराध और आतंकवाद के प्रति मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति रही है. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह भी ‘अपराध मुक्त भारत’ के निर्माण में विश्वास रखते हैं और हमारी सरकार का लक्ष्य किसी भी जाति, धर्म और क्षेत्रीयता से परे अपराध का समूल नाश करना है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का अपराध मानवता की खिलाफ होता है.
इसके साथ ही जी किशन रेड्डी ने कहा कि अक्टूबर माह राष्ट्रीय साइबर अपराध जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है और इस महीने में ई-साइबर लैब का उद्घाटन होना खुशी की बात है. उन्होंने कहा कि दो दिनों की यह कॉन्फ्रेंस अंगुली छाप (फिंगरप्रिंट) के द्वारा अपराध को रोकने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी और हम अपराध मुक्त एक बेहतर समाज के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ेंगे.
गृहराज्य मंत्री का यह भी कहना था कि वैसे तो अपराध पर नियंत्रण राज्य का विषय है लेकिन प्रभावी नियंत्रण और पुलिस फोर्स को आधुनिक बनाने के लिए केंद्र सरकार पूरा मार्गदर्शन कर रही है. मोदी सरकार ने पुलिस को आधुनिक बनाने की दिशा में बहुत काम किया है और मॉडर्नइजेशन को प्राथमिकता देते हुए 2019-20 के बजट में भी बढ़ोतरी कर 780 करोड़ रुपये का प्रावधान किया.
कॉन्फ्रेंस में अपना वक्तव्य देते हुए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के निदेशक रामफल पंवार ने कहा कि नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट सिस्टम (NAFIS) एक गेम चेंजर साबित होगा और इसके माध्यम से अपराध जांच में मदद मिलेगी. सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशो (यूटी) द्वारा नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट सिस्टम (NAFIS) का प्रयोग किया जाएगा.
इस मौके पर गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एवं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में स्थित प्रशिक्षण संस्थानों के अधिकारी भी उपस्थित रहे.
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