Anand Mohan News: बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई के खिलाफ दिवंगत आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं. उन्होंने याचिका दाखिल कर बिहार सरकार का आदेश रद्द करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि मौत की सज़ा को जब उम्र कैद में बदला जाता है, तब दोषी को आजीवन जेल में रखा जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट भी ऐसे फैसला दे चुका है. लेकिन इस मामले में दोषी को रिहा कर दिया गया.
आनंद मोहन को मिली थी फांसी की सजा
गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की 1994 में मुजफ्फरपुर के खोबरा में हत्या हो गई थी. 2007 में निचली कोर्ट ने इस मामले में आनंद मोहन को फांसी की सजा सुनाई थी. बाद में पटना हाई कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया था. बिहार की जेल नियमावली में राज्य सरकार की तरफ से हाल ही में किए गए बदलाव के चलते अब आनंद मोहन रिहा हो चुके हैं.
5 तरह के अपराध को जघन्य माना गया
साल 2012 में बिहार सरकार की तरफ से बनाई गई जेल नियमावली में 5 तरह के अपराध को जघन्य माना गया था. इसमें आतंकवाद, डकैती के साथ हत्या, रेप के साथ हत्या, एक से अधिक हत्या और सरकारी कर्मचारी की हत्या शामिल था. इन 5 तरह के अपराध में उम्र कैद पाने वालों को 20 साल से पहले किसी तरह की छूट न देने का प्रावधान था. हाल में बिहार सरकार ने जेल नियमावली में बदलाव कर सरकारी कर्मचारी की हत्या को सामान्य हत्या की श्रेणी में रख दिया गया. इससे आनंद मोहन के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया.
बता दें कि बिहार में इन दिनों आनंद मोहन की खूब चर्चा हो रही है. आनंद मोहन को लेकर जमकर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. बीजेपी इस मद्दे पर सरकार को घेर रही है तो सत्तारूढ़ दल पटलवार कर रहा है.