India G20 Presidency: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार (18 दिसंबर) को 'आवाम की आवाज' रेडियो प्रोग्राम के दौरान कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' को दिखाने का सबसे अच्छा अवसर है. उन्होंने कहा कि विश्व मंच पर जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के लिए अपनी सांस्कृतिक समृद्धि  और पर्यटन क्षमता को दिखाने का एक सही मौका है.


उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने महिला कारोबारियों, टूरिज्म स्टेकहोल्डर, इन्नोवेटर और यूथ क्लबों को भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान एक वाइब्रेंट और प्रगतिशील जम्मू-कश्मीर का प्रदर्शन करने के लिए एक साथ आने का आग्रह किया. मासिक रेडियो कार्यक्रम 'आवाम की आवाज' के 21वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा, "एक भारत, श्रेष्ठ भारत को प्रदर्शित करने का यह एक अनूठा अवसर है."


सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में आयोजित होने वाले जी20 कार्यक्रमों के लिए सुझाव आमंत्रित किए. उन्होंने कहा, "लगभग 5.5 लाख ग्रामीण महिलाएं अपने परिवार की देखभाल करने और खेती की गतिविधियों में योगदान देने के अलावा, हस्तशिल्प, घरेलू और लघु उद्योगों से जुड़ी हुई हैं." इन महिलाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी क्षमता दिखाने का एक अवसर है. 


जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर भारत का एजेंडा 


भारत ने 1 दिसंबर को जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) की अध्यक्षता ग्रहण की है. भारत आने वाले साल के दौरान सितंबर 2023 में होने वाले शिखर सम्मेलन के एजेंडे को मजबूत करने के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक लगभग 200 बैठकों की मेजबानी करेगा.


उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मासिक रेडियो प्रोग्राम 'आवाम की आवाज़' के जरिए जम्मू-कश्मीर में आयोजित होने वाले जी20 कार्यक्रमों 'मेरी सरकार जम्मू-कश्मीर' के बारे में बात की. उन्होंने इसे लेकर प्रदेश के नागरिकों के सुझाव और विचार आमंत्रित किए. इसके लिए एक लिए व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है, जिसके जरिए राज्य के नागरिकों को अपने सुझाव भेजने के लिए कहा.


जन भादीदारी पर रहेगा जोर


उपराज्यपाल ने कहा कि जन भागीदारी एक प्रगतिशील समाज का प्रतिबिंब है. यह शासन में 'बॉटम-अप' दृष्टिकोण का मार्ग प्रशस्त करता है और हमें जनता की जरूरतों के अनुसार नीतियां बनाने में मदद करता है. उन्होंने कहा कि हाल ही में संपन्न 'माई टाउन माई प्राइड' अभियान का उद्देश्य शहरी स्थानीय निकायों को सक्रिय करना और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में विकास के प्रयासों को निर्देशित करना था. 


बता दें कि भारत के G20 प्रेसीडेंसी का एक अहम तत्व G20 को जनता के करीब ले जाना और इसे सही मायने में 'जनता का G20' बनाना होगा. इसे महसूस करने के लिए, साल भर अलग-अलग जनभागीदारी गतिविधियों के माध्यम से नागरिक जुड़ाव और बड़े पैमाने पर सार्वजनिक भागीदारी की योजना बनाई गई है. 


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