India G-20 Presidency: भारत आज से आधिकारिक रूप से G20 समूह की अध्यक्षता संभाल लेगा. भारत पूरे एक साल के लिए दुनिया के आर्थिक रूप से संपन्न देशों के समूह जी20 की अध्यक्षता करेगा. अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में जी20 एक प्रमुख मंच है, जो वैश्विक जीडीपी का 85 फीसदी का प्रतिनिधित्व करता है. दुनियाभर के कारोबार का 75 फीसदी से ज्यादा और दुनिया की दो-तिहाई आबादी का भी प्रतिनिधत्व करता है.
भारत आज से G20 की अध्यक्षता औपचारिक रूप से ग्रहण करेगा. अगले एक साल के दौरान देश में 55 अलग-अलग जगहों पर जी20 समूह की 200 से ज्यादा बैठकें होंगी. यह पहली बार होगा कि जी20 का मेजबान देश 50 से ज्यादा शहरों में बैठक करेगा. भारत के लिए पिछले 75 साल में सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय आयोजन भी होगा.
जी20 की तैयारियों के लिए बुलाई सर्वदलीय बैठक
भारत ने अपने सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजन के दौरान अगले एक साल में होने वाली बैठकों की योजना के संबंध में नेताओं को इसकी जानकारी देने के लिए 5 दिसंबर को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है. सूत्रों को मुताबिक, संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसके लिए 40 दलों के अध्यक्षों को इस बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा है. राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाली इस बैठक में तमाम दलों के अध्यक्षों समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश एस जयशंकर भी मौजूद रहेंगे.
बाली में हुई थी जी20 की बैठक
इंडोनेशिया के बाली (Bali) में पिछले महीने जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था. भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था, जिसमें भारत को जी20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) की अध्यक्षता की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर महीने की शुरुआत में भारत की अध्यक्षता में जी20 का लोगों, थीम और उसकी वेबसाइट को लॉन्च किया था.
क्या है जी20?
जी-20 देशों के साथ एक यूरोपियन यूनियन का समूह है. इन समूह में अर्थव्यवस्था के मामले में मजबूत समझे जाने वाले दुनिया भर के 20 देश शामिल हैं. इसमें फ्रांस, इंडोनेशिया, इटली, कोरिया, जर्मनी, इंडिया, मेक्सिको, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, रुस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना, तुर्की, युनाइटेड किंगडम, जापान, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन शामिल हैं. हर साल इन देशों का एक सम्मेलन आयोजित होता है, जिसमें इन देशों के टॉप लीडर्स, प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री आदि शामिल होते हैं. वहीं जी20 की मंत्री स्तर की बैठकों में गर्वनर, मंत्री आदि हिस्सा लेते हैं.
जी20 का अहम काम आर्थिक सहयोग है, जिसमें शामिल होने वाले देशों की कुल जीडीपी दुनिया भर के देशों की 80 फीसदी है. जी20 समूह में शामिल देश मिलकर ग्लोबल इकोनॉमी पर काम करते हैं. इसके अलावा ये वैश्विक आर्थिक स्थिरता और जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर भी विचार करते हैं. जी20 का मुख्य उद्देश्य वैश्विक आर्थिक स्थिति को कंट्रोल करना है.
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