ब्यूनस आयर्स: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13वें जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में हैं. इस शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे समेत विश्व के दूसरे नेताओं के साथ चर्चा करेंगे. इससे पहले उन्होंने योग फॉर पीस कार्यक्रम को संबोधित किया.
इस दौरान उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को 'शांति के लिए योग' का नाम दिया गया है. मुझे लगता है कि इस कार्यक्रम के लिए इससे बेहतर नाम हो ही नहीं सकता. चूंकि योग हमें बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त करने में मदद करता है और हमारे दिमाग और शरीर को शांत रखने की ताकत देता है.
पीएम मोदी ने कहा, ''जब व्यक्ति का दिमाग शांत होगा तो परिवार, समाज, देश और दुनिया में भी शांति कायम रहेगी. स्वास्थ्य, कल्याण और शांति के लिए दुनिया को भारत की ओर से यह खास उपहार है.''
उन्होंने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों ने कहा, "हाल के वर्षों में, सऊदी अरब बहुमूल्य साझेदार रहा है. यह संबंध भारतीय समुदाय से आगे बढ़कर अर्थव्यवस्था, ऊर्जा और सुरक्षा तक पहुंच गया है.
एक मेज पर ट्रंप, आबे और मोदी
रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण हिन्द -प्रशांत क्षेत्र में चीन का दबदबा बढ़ने के बीच पीएम मोदी, ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ त्रिपक्षीय बैठक करेंगे. यह बैठक दो दिवसीय शिखर बैठक से इतर होगी. यह त्रिपक्षीय बैठक ट्रंप और आबे की द्विपक्षीय बैठक का ही विस्तार होगी.
इसके अलावा मोदी रूस, भारत और चीन के बीच दूसरी बार आयोजित की जा रही त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेंगे. यह बैठक शुक्रवार को 12 साल के अंतराल के बाद आयोजित हो रही है. रूस, भारत और चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय बैठक में मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भाग लेंगे. चीन करीब करीब पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है जबकि वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान इसके जलमार्गों पर अपना दावा करते हैं. इसमें प्रमुख समुद्री मार्ग भी शामिल हैं जिनसे होकर हर साल 3,000 अरब डालर के वैश्विक व्यापार का परिवहन होता है.
त्रिपक्षीय बैठक 30 नवंबर और एक दिसंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति के बैठकों की श्रृंखला का हिस्सा है. प्रधानमंत्री मोदी ने ब्यूनस आयर्स पहुंचने के फौरन बाद ट्वीट में कहा, "जी-20 शिखर सम्मेलन में निरंतर विकास को आगे बढ़ाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुये विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा की उम्मीद है." मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "हजारों किलोमीटर का फासला, फिर भी एकता की भावना से बंधे हैं! अर्जेंटीना में यादगार स्वागत के लिये भारतीय सुमदाय का बहुत आभारी हूं."
विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रवाना होने से पहले कहा था कि मोदी शिखर बैठक से अलग चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल से भी मुलाकात करेंगे.
वह 29 नवंबर से लेकर एक दिसंबर तक ब्यूनस आयर्स में रहेंगे. इस दौरान मोदी अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मॉरीसिओ मैक्रिया, चिली राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनरा समेत अन्य लोगों से भी मुलाकात करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 20 शिखर सम्मेलन में जन धन योजना, मुद्रा योजना, आयुष्मान भारत और मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर भी बोलेंगे.