G20 Summit 2023: मल्लिकार्जुन खरगे को नहीं मिला जी20 डिनर का न्योता तो खफा हुई कांग्रेस! बॉयकॉट करेंगे पार्टी के 3 सीएम
G20 Summit Delhi: भारत में G20 समिट का आयोजन किया जा रहा है, यह समिट दो दिन 9 सितंबर से 10 सितंबर तक चलेगी. इस कार्यक्रम की थीम वसुधैव कुटुंबकम् है. जिसका मतलब वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर है.
G20 Summit Delhi: जी20 समिट में पधारे वैश्विक समुदाय के नेताओं के सम्मान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार (9 सितंबर 2023) की रात को एक डिनर समारोह आयोजित किया है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के तीन सीएम पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को न्योता नहीं भेजे जाने के कारण कार्यक्रम का बॉयकॉट कर सकते हैं.
राष्ट्रपति की तरफ से जी20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों, शीर्ष राजनयिकों, कैबिनेट मंत्रियों, सुप्रीम कोर्ट के जजों, राज्यों के सीएम समेत कई गणमान्य व्यक्तियों को न्योता भेजा गया है. कांग्रेस के सूत्रों का कहना इस सूची में खरगे का नाम नहीं होने के कारण कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने शामिल होने से इंकार किया है.
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खु लेंगे हिस्सा
कांग्रेस के तीन सीएम के बॉयकॉट के बावजूद हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खु इस समिट में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली के निकल चुके हैं. सूत्रों की मानें तो वह राष्ट्रपति के डिनर समारोह में अतिथि होंगे. वहीं इस सवाल पर कांग्रेस सूत्रों ने कहा है कि उन्होंने अंतिम फैसला राज्य के मुख्यमंत्रियों पर छोड़ा हुआ है कि वह इस समारोह में हिस्सा लेंगे या नहीं.
खरगे को नहीं बुलाए जाने पर क्या बोले कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जी20 रात्रिभोज के लिए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को आमंत्रित नहीं किया गया जो लोकतंत्र पर हमला है और सत्ता पक्ष की सोच को भी दर्शाता है. खरगे को रात्रिभोज में आमंत्रित नहीं किए जाने पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ब्रसेल्स में कहा कि कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार देश की 60 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले विपक्ष के नेता को महत्व नहीं देती.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि चूंकि विपक्ष लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए विपक्ष के नेता को आमंत्रित न करना लोकतंत्र पर हमला है. नेता प्रतिपक्ष का दर्जा कैबिनेट मंत्री का होता है और वह एक संवैधानिक पद रखता है.
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