G20 Summit Delhi: जी20 में भारत की सफलता का चीन भी हुआ कायल, नई दिल्ली घोषणापत्र पर क्या कुछ बोला?
G20 Summit India: जी20 के घोषणा पत्र में यूक्रेन युद्ध को शामिल करने और इस पर सर्वसम्मति हासिल करने में भारत सफल रहा था. दुनिया में इसे भारत की सफलता के रूप में देखा जा रहा है.
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China Lauds New Delhi Declaration: नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के घोषणा पत्र पर सभी देशों को सहमत करके भारत ने इतिहास रच दिया है. भारत की इस कूटनीतिक सफलता पर पड़ोसी देश चीन भी कायल हुआ है. चीन ने सोमवार (11 सितंबर) को कहा कि जी20 के नई दिल्ली घोषणापत्र ने एक “सकारात्मक संकेत” दिया है कि इस प्रभावशाली समूह के सदस्य देश वैश्विक चुनौतियों से निपटने तथा आर्थिक सुधार के लिए एक साथ आ रहे हैं.
भारत को शनिवार (9 सितंबर) को एक बड़ी कूटनीतिक सफलता मिली जब उसकी अध्यक्षता में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रमुख मतभेदों से पार पाते हुए एक सर्वसम्मत घोषणापत्र को अपनाया गया. सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “वैश्विक विश्वास की कमी” को खत्म करने का आह्वान किया.
नई दिल्ली घोषणा पत्र की तारीफ
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग से जब यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में पूछा गया कि बीजिंग रविवार को संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन के नतीजे को कैसे देखता है तो उन्होंने कहा कि घोषणापत्र यह संकेत देता है कि जी20 देश वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए हाथ मिला रहे हैं, जो आर्थिक सुधार पर दुनिया को सकारात्मक संकेत दे रहा है.
माओ निंग ने कहा, ''तैयारी प्रक्रिया के दौरान चीन ने भी रचनात्मक भूमिका निभाई और विकासशील देशों की चिंताओं को महत्व दिया तथा वैश्विक साझा विकास के लिए अनुकूल परिणाम का समर्थन किया.'' चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के स्थान पर शिखर सम्मेलन में भाग लिया था.
'जी20 का समर्थन करता है चीन'
माओ ने कहा कि चीन ने हमेशा जी20 समूह को महत्व दिया है और वह उसके काम का समर्थन करता है. उन्होंने कहा, “हम विश्व अर्थव्यवस्था और विभिन्न विकास क्षेत्रों में जोखिमों से निपटने में जी20 की एकजुटता और सहयोग का समर्थन करते हैं.”
सम्मेलन के दौरान चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग के प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए माओ ने कहा, “उन्होंने इस बात का समर्थन किया कि सभी देशों को एकजुटता और सहयोग की मूल आकांक्षा का पालन करने के साथ मौजूदा समय की जिम्मेदारी उठाने तथा वैश्विक आर्थिक सुधार, खुलेपन, सहयोग व सतत विकास के लिए अनुकूल साझेदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है.”
कितना ताकतवर है जी20?
जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 प्रतिशत का, वैश्विक व्यापार के 75 प्रतिशत से अधिक का और विश्व की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं.
समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं. शनिवार को अफ्रीकी संघ को जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया.
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