G20 Summit 2023: भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन हुआ. दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में 9 और 10 सितंबर को समिट की बैठकें आयोजित की गईं. इस समिट में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden), इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत दुनिया भर के बड़े-बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया. 


जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर देश की राजधानी दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया था और सुरक्षा के भी चाक चौबंद रहे. राजधानी के कई इलाकों में लोगों की आवाजाही को भी सीमित किया गया था. साथ ही स्कूल और कॉलेज भी बंद रहे. सम्मेलन में शामिल होने आए मेहमानों के स्वागत की जिम्मेदारी केंद्रीय राज्यमंत्रियों को दी गई थी. 


जो बाइडेन समेत कई नेताओं के साथ की बैठक


अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत कई राष्ट्राध्यक्ष शुक्रवार (8 सितंबर) को ही दिल्ली पहुंच गए थे. शुक्रवार को पीएम मोदी ने मॉरीशस के पीएम प्रविंद जगन्नाथ, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बैठकें की थीं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सम्मेलन में भाग नहीं लेने नहीं आए. 




भारत मंडपम पर पीएम मोदी ने किया नेताओं का स्वागत


शनिवार (9 सितंबर) को शिखर सम्मेलन की शुरुआत हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व के शीर्ष नेताओं का सम्मेलन स्थल भारत मंडपम पहुंचने पर स्वागत किया. शिखर सम्मेलन का पहला प्रमुख सत्र के शनिवार सुबह 10.30 बजे के बाद शुरू हुआ था. समिट के तीन मुख्य सेशन 'एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य' के विषय पर आधारित रहे. 


कोणार्क चक्र की प्रतिकृति की गई स्थापित


पीएम मोदी ने जिस जगह पर विश्व नेताओं का स्वागत किया उसके ठीक पीछे 13वीं शताब्दी की प्रसिद्ध कलाकृति कोणार्क चक्र की प्रतिकृति स्थापित की गई थी. इस चक्र को समय, प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है. पीएम मोदी के सामने देश का नाम 'भारत' लिखा गया था. 



अफ्रीकी संघ को सदस्य बनाने का प्रस्ताव स्वीकार


शिखर सम्मेलन के पहले सेशन में अफ्रीकी संघ को जी-20 का सदस्य बनाने संबंधी पीएम मोदी के प्रस्ताव को ग्रुप के सभी सदस्य देशों ने स्वीकार किया. पीएम मोदी ने कहा कि सबका साथ की भावना को ध्यान में रखते हुए, भारत ने अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता प्रदान किए जाने का प्रस्ताव पेश किया. मेरा विश्वास है कि आपकी सहमति से हम सब इस प्रस्ताव पर सहमत हैं. 


एयू के अध्यक्ष ने पीएम को गले लगाया


इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर कोमोरोस संघ के राष्ट्रपति और अफ्रीकी संघ (एयू) के अध्यक्ष अजाली असौमानी को जी-20 मंच की मेज पर उनकी सीट तक ले गए. अजाली असौमानी ने पीएम मोदी को गले भी लगाया. दक्षिण अफ्रीकी प्रतिनिधि ने कहा कि उनके देश को उम्मीद थी कि शिखर सम्मेलन के दौरान जी-20 में एयू को शामिल कर लिया जाएगा. ये कदम अफ्रीकी संघ के देशों को जी-20 के अन्य सदस्य देशों के करीब लाएगा. 




नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन को मंजूरी


शनिवार को भारत को तब बड़ी सफलता हासिल हुई जब सदस्य देशों के बीच सहमति के साथ जी-20 नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन को अपनाया गया. 37 पन्नों के नई दिल्ली घोषणापत्र में कहा गया कि हमारे पास बेहतर भविष्य बनाने का अवसर है, ऐसे हालात नहीं बनने चाहिए कि किसी भी देश को गरीबी से लड़ने और ग्रह के लिए लड़ने के बीच चयन करना पड़े. डिक्लेरेशन पर सभी सदस्य देशों ने भारत की सराहना की है. इसे पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. 


यूक्रेन जंग पर क्या कुछ कहा गया?


यूक्रेन जंग पर डिक्लेरेशन में कहा गया कि हमने यूएनएससी और यूएनजीए में अपनाए गए देश के रुख और प्रस्तावों को दोहराया. संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप, सभी राज्यों को किसी भी राज्य की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ क्षेत्रीय अधिग्रहण की धमकी या बल के उपयोग से बचना चाहिए. परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या धमकी देना अस्वीकार्य है. 


जी-20 घोषणापत्र में कहा गया है कि यूक्रेन संघर्ष ने देशों, विशेष रूप से विकासशील और अल्प विकसित देशों के लिए नीतियों पर जटिलता उत्पन्न कर दी है. सभी देशों को किसी देश की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ उसके भू-भाग पर कब्जे के लिए बल के इस्तेमाल या धमकी देने से बचना चाहिए. आज का युग युद्ध का युग नहीं है. 




जी-20 नेताओं ने किया ये आह्वान


शिखर सम्मेलन में दुनिया के शीर्ष नेताओं ने जलवायु मोर्चे सहित विश्व के समक्ष मौजूद विभिन्न चुनौतियों से निपटने की तत्काल आवश्यकता होने का आह्वान किया. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि जी-20 नेता वित्तीय संकट के बाद वैश्विक विकास को बहाल करने के लिए 15 साल पहले पहली बार एक साथ आए थे. हम अब अत्यधिक चुनौतियों वाले समय में मिल रहे हैं. दुनिया नेतृत्व प्रदान करने के लिए एक बार फिर जी-20 की ओर देख रही है. मेरा मानना है कि हम मिलकर इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं.


ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने कहा कि उनके देश की जी-20 अध्यक्षता के दौरान जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक मुहिम के लिए एक कार्य बल बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम अनुकूलन, हानि और क्षति और वित्तपोषण के बीच संतुलित जलवायु एजेंडे के साथ, ग्रह की स्थिरता और लोगों की गरिमा सुनिश्चित करते हुए 2025 में सीओपी 30 तक पहुंचना चाहते हैं. 


पीएम मोदी ने क्या कहा?


पीएम मोदी ने शनिवार को जी-20 नेताओं से 'वैश्विक विश्वास की कमी' को खत्म करने का आग्रह किया. पीएम मोदी ने 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन के सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि ये हम सभी के लिए वैश्विक भलाई के लिए एक साथ चलने का समय है. कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बाद दुनिया को विश्वास की कमी की एक नई चुनौती का सामना करना पड़ा और दुर्भाग्य से यूक्रेन युद्ध के कारण यह और बढ़ गई, लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि अगर हम कोविड जैसी महामारी को हरा सकते हैं, तो हम इस विश्वास की कमी की चुनौती पर भी जीत हासिल कर सकते हैं. 




चीन के प्रधानमंत्री क्या बोले?


चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने शनिवार को जी-20 सदस्य देशों के बीच एकजुटता की जरूरत पर जोर दिया और आर्थिक वैश्वीकरण के लिए सहयोग, समावेश एवं दृढ़ समर्थन का आह्वान किया. क्विंग शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के स्थान पर भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचे थे. पीएम क्विंग ने कहा कि इस प्रभावशाली समूह को विभाजन की बजाय एकजुटता, टकराव की बजाय सहयोग और अलगाव के बजाय समावेशन की आवश्यकता है. 


ये वास्तव में एक बड़ी बात है- बाइडेन


अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि ये वास्तव में एक बड़ी बात है. मैं पीएम को धन्यवाद देना चाहता हूं. एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य यही इस जी-20 शिखर सम्मेलन का फोकस है और कई मायनों में, यह भी है इस साझेदारी का फोकस जिसके बारे में हम आज बात कर रहे हैं. टिकाऊ, लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे में निवेश करना और बेहतर भविष्य का निर्माण करना. 


फ्रांस के राष्ट्रपति ने क्या कहा?


फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि मैं इस बैठक के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री मोदी और उनके साथ इस बैठक को साझा करने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन को धन्यवाद देना चाहता हूं. इसलिए अब यहां यूरोपीय आयोग के साथ, हम आपके साथ निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और यह बड़े अवसर प्रदान करने और लोगों को जोड़ने के लिए एशिया से मध्य पूर्व तक यूरोप तक एक बहुत ही महत्वपूर्ण परियोजना है, लेकिन हमारा इरादा इसे वास्तविक बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि इस प्रतिबद्धता के बाद हमारे पास ठोस परिणाम हों. 


'ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस' की घोषणा की 


भारत ने 'ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस' की घोषणा की और वैश्विक स्तर पर पेट्रोल में इथेनॉल के सम्मिश्रण को बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने की अपील के साथ जी20 देशों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह किया. इस गठबंधन की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन से इतर की. इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी सहित कई नेता मौजूद थे. 




भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा की


भारत ने अमेरिका और कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ शनिवार को एक महत्वाकांक्षी भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा की. प्रधानमंत्री मोदी ने कनेक्टिविटी पहल को बढ़ावा देते हुए सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर जोर दिया. नए आर्थिक गलियारे को कई लोग चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के विकल्प के रूप में देखते हैं.


इस गलियारे की घोषणा अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं ने जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर संयुक्त रूप से की. देशों ने भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिससे एशिया, अरब की खाड़ी और यूरोप के बीच बढ़ी हुई कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण के माध्यम से आर्थिक विकास प्रोत्साहित होने की उम्मीद है. 




द्विपक्षीय बैठकों का चला दौर


पीएम मोदी ने शनिवार को कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं. जिसमें इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, जापान के पीएम फुमियो किशिदा समेत अन्य नेता शामिल रहे. भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' रही. 




राष्ट्रपति की मेजबानी में डिनर का आयोजन


शनिवार देर शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मेजबानी में डिनर का आयोजन किया गया. राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन स्थल भारत मंडपम में जी-20 नेताओं और प्रतिनिधियों के लिए आयोजित रात्रिभोज में उनका स्वागत किया. जहां मेहमानों के स्वागत किया गया वहां पृष्ठभूमि में बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नवाशेष और भारत की अध्यक्षता में जी20 की थीम- 'वसुधैव कुटुम्बकम्- एक पृथ्वी, एक कुटुम्ब, एक भविष्य' को दर्शाया गया. 




मेहमानों को सौंपे गए ये व्यंजन


मेहमानों को स्टार्टर में पात्रम, मुख्य भोजन में वनवर्णम परोसे गए. वहीं, भारतीय रोटियों में- मुंबई पाव (कलौंजी के स्वाद वाले मुलायम बन), बाकरखानी (इलायची के स्वाद वाली मीठी रोटी), मीठे में- मधुरिमा स्वर्ण (कलश इलायची की खुशबू वाला सांवा का हलवा, अजीर-आडू मुरब्बा और अंबेमोहर राइस क्रिस्प्स), पेय पदार्थ में- कश्मीरी कहवा, फिल्टर कॉफी और दार्जीलिंग चाय परोसी गई. डिनर में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए. 




रविवार को राजघाट गए जी-20 नेता


रविवार को सुबह जी-20 नेता राजघाट गए जहां प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी अगवानी की. यहां नेताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने जी-20 नेताओं को 'अंगवस्त्रम' पहनाकर उनका स्वागत किया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सेन लूंग समेत अन्य नेता राजघाट गए थे. 




ब्राजील के राष्ट्रपति को सौंपी गई अध्यक्षता 


शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को जी-20 की अध्यक्षता हस्तांतरित करते हुए पारंपरिक गैवल (एक प्रकार का हथौड़ा) सौंपा. पीएम मोदी ने इस दौरान जी-20 शिखर सम्मेलन में लिए गए फैसलों पर हुई प्रगति की समीक्षा के लिए नवंबर के अंत में एक वर्चुअल सत्र के आयोजन का प्रस्ताव दिया. ब्राजील आधिकारिक रूप से इस साल एक दिसंबर को जी-20 समूह के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा. 




रूस के विदेश मंत्री ने क्या कुछ कहा?


दूसरे दिन रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि नई दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन एक सफल आयोजन है, क्योंकि यह हमें कई प्रमुख क्षेत्रों में आगे बढ़ने का रास्ता प्रदान करता है. जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत ने पहली बार ग्लोबल साउथ की स्थिति मजबूत की. भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन वैश्विक शासन, वैश्विक वित्त में निष्पक्षता की दिशा प्रदान करता है. मैं जी20 मंच के राजनीतिकरण के प्रयासों को रोकने के लिए भारत के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं. 


पीएम मोदी ने यूएनएससी के विस्तार पर जोर दिया


पीएम मोदी ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के विस्तार और दुनिया की नई वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए सभी वैश्विक संस्थाओं में सुधारों पर नए सिरे से जोर दिया. उन्होंने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 51 सदस्यों के साथ हुई थी, तो दुनिया अलग थी और अब सदस्य देशों की संख्या लगभग 200 हो गई है. बावजूद इसके, यूएनएससी में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं. तब से आज तक दुनिया हर लिहाज से बहुत बदल चुकी है. यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस शामिल हैं. 




सम्मेलन के लिए विश्व नेताओं ने की सराहना


जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन पर वैश्विक नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के निर्णायक नेतृत्व और ग्लोबल साउथ की आवाज उठाने के लिए उनकी सराहना की. विश्व के नेताओं ने भारत के आतिथ्य की सराहना की और सफल शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की. वैश्विक नेताओं ने ये जिक्र किया कि देश के 'एक पृथ्वी, एक कुटुम्ब, एक भविष्य' संदेश की गूंज सभी प्रतिनिधियों के बीच जोर से सुनी गई. 


रविवार को भी कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें


पीएम मोदी ने रविवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, कोमोरोस के राष्ट्रपति और अफ़्रीकी संघ के अध्यक्ष अजाली असौमानी, तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़, कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति, ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रुटे के साथ द्विपक्षीय बैठक की. 




भारत की अध्यक्षता में क्या हुआ?


बता दें कि, भारत की अध्यक्षता में हुई जी-20 की बैठकों में 73 ऐसे मामले थे जो विश्व की मौजूदा समस्याओं से जुड़े थे. उनका हल निकालने पर सहमति बनी है. जबकि 39 मामलों पर जरूरी दस्तावेजों के साथ सहमति बनाने पर चर्चा हुई. कुल 112 विषयों पर चर्चा की गई. जिसमें फूड सिक्योरिटी और न्यूट्रिशन, ओसियन इकोनॉमी, पर्यटन, लैंड रेस्टोरेशन और एमएसएमई सेक्टर शामिल रहे. भारत की अध्यक्षता में जी-20 कार्यक्रम के तहत दुनिया भर के 115 से ज्यादा देशों के 25,000 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ 60 शहरों में 220 से अधिक बैठकें आयोजित की गईं. 


जी-20 ग्रुप में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं. इस साल भारत ने स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, बांग्लादेश, मिस्र, नीदरलैंड, मॉरीशस, नाइजीरिया और सिंगापुर को विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर आमंत्रित किया थी. 


(इनपुट पीटीआई से भी)


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