G20 Summit India: शनिवार 9 सितम्बर को जब दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन भाषण दे रहे थे, तो जिस एक चीज ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा वो थी उनके नाम के आगे लगी पट्टिका, जिस पर भारत लिखा हुआ था. इसके कुछ दिन पहले ही राष्ट्रपति मुर्मू की तरफ से जी20 डिनर के निमंत्रण पत्र पर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया था. इसने एक बात साफ कर दी है कि मोदी सरकार ने देश के किस नाम के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है.


इस बात का समर्थन करती है प्रगति मैदान में जी20 शिखर सम्मेलन स्थल, भारत मंडपम के इंटरनेशनल मीडिया सेंटर में रखी 24 पन्नों की पत्रिका, जो शनिवार को तेजी से बुकरैक से खत्म हुई. भारत: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी नाम से प्रकाशित इस पत्रिका के दूसरे पेज पर भारत की व्याख्या करते हुए कहा गया है- भारत देश का आधिकारिक नाम है. इसका उल्लेख संविधान में है और 1946-48 के दौरान संविधान सभा की चर्चाओं में भी किया गया है, जो संविधान को अंगीकार किए जाने से पहले हुई थीं.


इंडिया की जगह लेगा भारत


जी20 के विदेशी प्रतिनिधियों और देश-विदेश के पत्रकारों के बीच वितरित एक पत्रिका में देश के आधिकारिक नाम के रूप में 'भारत' का उपयोग साफ संकेत है कि अभी तक बड़े पैमाने पर घरेलू संदर्भ में इंडिया के बदले इस्तेमाल होने वाले इस नाम से देश अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाना चाहता है.


इंडिया भले वो नाम रहा हो जिसके तहत उसने जी20 की अध्यक्षता हासिल की थी लेकिन 9 सितम्बर को दोपहर बाद 3.30 बजे जिस नाम से दिल्ली घोषणा पत्र अपनाया गया, वो भारत था.


क्या है मैग्जनीन में?


भारत के नाम का मतलब समझाने के लिए रखी गई इस पत्रिका को केंद्र सरकार ने प्रकाशित किया है और इसे विशेष रूप से शिखर सम्मेलन के लिए प्रतिनिधियों और पत्रकारों के बीच मुफ्त वितरित करने के लिए तैयार किया गया है. इसके पेज 2 पर शीर्षक "हजारों वर्षों में भारत में लोकतांत्रिक लोकाचार" के तहत लिखा गया है कि चमकदार भारतीय सभ्यता की शुरुआत "सिंधु सरस्वती सभ्यता: 6000 से 2000 ईसा पूर्व" के रूप में होती है जिसे भारत और विदेशों में "सिंधु घाटी सभ्यता" के नाम से जाना जाता है.


इसमें आगे कहा गया है कि "रामायण: 2000 ईसा पूर्व" और "महाभारत: 1100 ईसा पूर्व" यह दिखाता है कि ये वास्तविक युग थे, न कि भारत की लोक संस्कृति में हजारों सालों से कही जा रही और धार्मिक आख्यानों में लिखी मिथकीय घटनाएं भर हैं.


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