G20 Summit In Delhi: भारत की मेजबानी में जी20 शिखर सम्मेलन का समापन हो गया है. रविवार (10 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समापन भाषण के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को जी20 की अध्यक्षता सौंपी. जी20 का अगला सम्मेलन 2024 में ब्राजील में आयोजित होना है. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने लूला डा सिल्वा को शुभकामनाएं भी दी.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "ब्राजील के राष्ट्रपति और मेरे मित्र लूला डी सिल्वा को मैं हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और उन्हें G20 की अध्यक्षता सौंपता हूं." लूला डी सिल्वा ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आवाज देने के भारत के प्रयासों के लिए आभार जताया. ब्राजील इस साल एक दिसंबर से जी20 समूह (अब नया नाम जी21) के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेगा.


लूला डी सिल्वा ने किया पीएम मोदी को इशारा


इस दौरान दिलचस्प वाक्या हुआ जब गैवल लेने के बाद लूला डी सिल्वा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास मेज की तरफ कुछ इशारा किया. तब पीएम मोदी ने देखा कि गैवल के साथ रखा जाने वाला लकड़ी का टुकड़ा उनके पास ही रह गया था. फिर पीएम मोदी ने उसे उठाकर ब्राजील के राष्ट्रपति को सौंप दिया.


पीएम मोदी ने रखा वर्चुअल बैठक का प्रस्ताव


समिट के दौरान पीएम मोदी ने जी20 के एक वर्चुअल सेशल का भी प्रस्ताव रखा है. पीएम मोदी ने कहा, "भारत के पास नवंबर तक G20 की अध्यक्षता है. इन दो दिनों में आपने कई बातें और प्रस्ताव रखे हैं. हमारी जिम्मेदारी है कि जो सुझाव आए और देखा जाए कि उनकी प्रगति में गति कैसे लाई जा सकती है. मेरा प्रस्ताव है कि हम नवंबर के अंत में G20 का एक और वर्चुअल सेशन रखें. इसमें हम इस समिट के दौरान में हुई तय विषयों की समीक्षा कर सकते हैं. इस सबका ब्योरा हमारी टीम आपके साथ साझा करेगी. मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब इससे जुड़ेंगे."






वैश्विक निकायों में सुधार की मांग


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नई वैश्विक संरचना’ में दुनिया की ‘नई हकीकत’ को प्रतिबिंबित करने का आह्वान किया और संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक निकायों में सुधार की मांग की. उन्होंने कहा, जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी और उसमें 51 देशों को शामिल किया गया था, तब दुनिया अलग थी. अब इस वैश्विक निकाय में सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 200 हो गई है. यह प्रकृति का नियम है कि जो वक्त के साथ नहीं बदलते, वे अप्रासंगिक हो जाते हैं.


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