G20 Summit 2023: फाइटर जेट, मिसाइल, एंटी ड्रोन सिस्टम... सैकड़ों किमी दूर से ही खतरे को खत्म कर देगी IAF, जी20 के लिए बना ये खास प्लान
G20 Summit India: 9 से 10 सितम्बर को हो रहे शिखर सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस के राष्ट्राध्यक्षों समेत जी20 देशों के प्रमुख नेता नई दिल्ली में एक मंच पर आने वाले हैं.
IAF Plan For G20: भारत की मेजबानी में हो रहे G20 शिखर सम्मेलन के लिए दुनिया के 20 देशों के नेता देश की राष्ट्रीय राजधानी में जुटने लगे हैं. इसके लिए पूरी दिल्ली को सुरक्षा के लिए हाई अलर्ट मोड पर रखा गया है. राजधानी के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे. वहीं, दिल्ली के आसमान की सुरक्षा भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के जिम्मे सौंपी गई है. इसके लिए इंडियन एयरफोर्स ने विशेष प्लान बनाया है.
हिंदुस्तान टाइम्स ने एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि वायु सेना किसी भी हवाई खतरे का पता लगाने, ट्रैक करने और उसे बेअसर करने के लिए हाई अलर्ट पर रहेगी. इसके लिए लड़ाकू विमानों, जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और एंटी-ड्रोन सिस्टम को तैनात किया गया है.
एक अन्य अधिकारी ने नाम न देने की शर्त पर बताया कि ड्रोन, ग्लाइडर, छोटे विमान, मिसाइल और यहां तक कि लड़ाकू विमानों सहित अन्य खतरों से राजधानी की रक्षा के लिए एयर फोर्स का एयर सिक्योरिटी कवर मौजूद है.
इस तरह खतरे को मिटा देगी वायु सेना
भारतीय वायु सेना के पास सैकड़ों किलोमीटर की दूरी से ही खतरों का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करके नष्ट कर देने की क्षमता है. एक वरिष्ठ अधिकारी की देखरेख में आईएएफ का ऑपरेशंस डायरेक्शन सेंटर और नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थित संयुक्त कमान और विश्लेषण केंद्र इस हाई प्रोफाइल कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के आसमान पर नजर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
नजदीकी एयरबेस पर एक्टिव रहेंगे फाइटर जेट
पंजाब और हरियाणा सहित दिल्ली के नजदीक एयरबेस पर कुछ लड़ाकू विमानों को 'ऑपरेशनल रेडीनेस प्लेटफॉर्म' ड्यूटी पर रखा जाएगा ताकि वे किसी भी स्थिति का जवाब देने के लिए 5 से 7 मिनट में हवाई उड़ान भर सकें.
रोका गया त्रिशूल अभ्यास
इस बीच वायु सेना ने पश्चिमी सेक्टर में चल रहे त्रिशूल अभ्यास के ऑपरेशन पर रोक लगा दी है. 7 से 10 सितम्बर तक लड़ाई विमान उड़ान नहीं भरेंगे. समाचार एजेंसी एएनआई ने ये जानकारी दी है. वायु सेना अधिकारियों ने बताया है कि केवल त्रिशूल अभ्यास में शामिल विमानों के संचालन को रोका जाएगा और अन्य नियमित उड़ाने जारी रह सकती हैं.
एएनआई से रक्षा सूत्रों ने कहा कि इस दौरान भारतीय वायु सेना जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए देश भर के हवाई क्षेत्र पर नजर रखने के लिए अपने फाल्कन अवाक्स विमान का संचालन शुरू करेगी.
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