G20 Summit 2023: जी20 का मंच तैयार, लेकिन साझा बयान पर अभी भी नहीं बनी सहमति, जानें कहां अटकी है बात?
G20 Summit India: जी20 शिखर सम्मेलन में दो दिनों तक विश्व नेता रिन्यूएबल एनर्जी, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक विकास पर चर्चा करेंगे, लेकिन उनके बीच कई मुद्दों पर मतभेद हैं.
G20 Summit In Delhi: नई दिल्ली में दो दिनों के लिए जी20 का मंच तैयार हो चुका है, लेकिन नेताओं की घोषणा के ड्राफ्ट पर अभी तक आम सहमति नहीं बन पाई है. शुक्रवार (8 सितम्बर) को इसी सिलसिले में सदस्य देशों के वार्ताकार चर्चा के लिए जुटे, लेकिन बैठक एक बार फिर बेनतीजा रही. मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि गतिरोध को तोड़ने के लिए नेताओं को ही अंतिम प्रयास करना होगा.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जी20 नेताओं के प्रतिनिधि दिल्ली के पास मानेसर के एक रिसार्ट में रूस के यूक्रेन पर हमले का उल्लेख करने के लिए बैठे, लेकिन साझा बयान पर सहमति बना पाने में असमर्थ रहे. ऐसा तब हुआ जब चर्चा को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया था.
यूक्रेन के अलावा दूसरे भी मुद्दे
सदस्य देशों के बीच रूस-यूक्रेन के अलावा जीवाश्व ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त या कम करना, कर्ज पुनर्गठन जैसे मुद्दों पर भी मतभेद हैं. हालांकि, मामले के जानकार लोगों को कहना है कि शिखर सम्मेलन शुरू होने तक इन्हें दूर कर लिए जाने की उम्मीद है.
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में एक सदस्य देश के प्रतिनिधि ने बताया, कुछ अन्य मुद्दे भी हैं, लेकिन वे ऐसे नहीं हैं कि उन्हें हल न किया जा सके. बहुत सारे विचार आ रहे हैं और इन मुद्दों के सुलझ जाने की संभावना है, लेकिन चीजें अभी भी यूक्रेन के मुद्दे पर अटकी हुई हैं.
फिलहाल ये कहा जा रहा है कि गतिरोध को तोड़ने के लिए जी20 नेताओं के हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है, जैसा कि पिछले साल इंडोनेशिया में शिखर सम्मेलन के दौरान हुआ था.
रूस और चीन की आपत्ति
रूस और चीन दोनों ने अब तक यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में पिछले साल जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान जारी संयुक्त बयान में इस्तेमाल की गई भाषा को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. रूस का तर्क है कि जमीनी स्तर पर स्थिति बदल गई है, जबकि चीन ने जोर देकर कहा है कि जी20 एक आर्थिक मंच है, जिसमें जियो-पॉलिटिकल मुद्दे नहीं उठाए जाने चाहिए.
यूक्रेन को जियो-पॉलिटिकल मुद्दा बताकर चर्चा से दूर रखे जाने पर कुछ देश सहमत नहीं हैं. जापान भी इनमें से है. एक जापानी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, हमें यूक्रेन पर चर्चा करनी चाहिए क्योंकि यह खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी सहित कई मुद्दों को प्रभावित करता है. मूल कारण अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है. हम बाली में जारी किए गए बयान से पीछे नहीं हट सकते.
भारत का स्टैंड
भारत ने अब तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने या मॉस्को के कार्यों की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तावों पर मतदान करने से परहेज किया है. भारतीय नेतृत्व ने लगातार संघर्ष को तत्काल समाप्त करने और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है.
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