G20 Summit 2023: UNSC की स्थायी सदस्यता के लिए भारत के साथ अमेरिका, जानें क्या बोले जो बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2028-29 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की गैर स्थायी सीट की दावेदारी का स्वागत किया और क्वाड पर भी जोर दिया.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया और जी20 सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए भी तारीफ की. 8 सितंबर की शाम को दिल्ली पहुंचने के बाद बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके आवास पर डिनर किया और द्विपक्षीय वार्ता की.
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त बयान जारी कर कहा कि इस विचार को साझा करते हुए कि वैश्विक शासन अधिक समावेशी और प्रतिनिधिक होनी चाहिए, बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है. इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूएनएससी में 2028-29 के लिए भारत की गैर स्थायी सीट की दावेदारी का भी स्वागत किया.
क्वाड पर भी दिया जोर
दोनों नेताओं ने मुक्त, खुले, समावेशी और लचीले हिंद-प्रशांत का समर्थन करने में क्वाड समूह के महत्व पर भी जोर दिया. बयान में यह भी कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी 2024 में भारत की मेजबानी में होने वाले क्वाड नेताओं के अगले शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं. क्वाड समूह में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. क्वाड क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता की पृष्ठभूमि में एक फ्री और ओपन इंडो-पैसिफिक सुनिश्चित करने के लिए व्यवहारिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
दोनों देशों के बीच आपसी जुड़ाव पर की बात
बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने अपनी सरकारों, उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच उच्च-स्तरीय जुड़ाव को बनाए रखने और भारत-अमेरिका के बीच एक स्थायी साझेदारी के लिए अपनी महत्वाकांक्षी दृष्टि को साकार करने का संकल्प लिया, जो एक उज्ज्वल एवं समृद्ध भविष्य के दोनों देशों के लोगों की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाता है.
राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन की पहली भारत यात्रा
अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन की यह पहली भारत यात्रा है. इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फरवरी 2020 में भारत आए थे. बयान में यह भी कहा गया कि भारत ने जून 2023 में हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) में शामिल होने के अमेरिका के फैसले के साथ ही व्यापार संपर्क और समुद्री परिवहन पर इंडो-पैसिफिक ओशन इंनिशिएटिव पिलर का सह-नेतृत्व करने के उसके फैसले का भी स्वागत किया. दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने और सुधार करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया.