G20 Summit: जी20 की अध्यक्षता सौंपते हुए ब्राजील को पीएम मोदी ने दिया क्या मैसेज? जानें
G20 Summit India: भारत से जी20 समूह की अध्यक्षता मिलने पर ब्राजील केे राष्ट्रपति राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा ने हिंदुस्तान की सराहना की.
G20 Summit 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (10 सितंबर) को ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा (Luiz Inacio Lula da Silva) को जी20 समूह की अध्यक्षता हस्तांतरित करते हुए गैवल (हथौड़ा) सौंपा.
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ''भारत ने ब्राजीस को गैवल दी. हमें अटूट विश्वास है कि वे समर्पण और दूरदर्शिता के साथ नेतृत्व करेंगे. वैश्विक एकता के साथ-साथ समृद्धि को भी आगे बढ़ाएंगे. हिंदुस्तान ने आगामी जी20 की अध्यक्षता के दौरान ब्राजील को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया. '' उन्होंने लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को इसमें टैग करते हुए फोटो शेयर की.
भारत की सराहना की
ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा ने इस मौके पर उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आवाज देने के लिए हिंदुस्तान की सराहना की. जी20 शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में पीएम मोदी ने ब्राजील को इस समूह की अध्यक्षता के लिए शुभकामनाएं भी दी.
ब्राजील के राष्ट्रपति ने क्या कहा?
ब्राजील आधिकारिक रूप से इस साल एक दिसंबर को जी20 समूह के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा. लूला डी सिल्वा ने इस अवसर पर पीएम मोदी को बधाई दी. उन्होंने उभरती अर्थव्यवस्थाओं के हितों से जुड़े मुद्दों को आवाज देने के भारत के प्रयासों के लिए उसका आभार जताया.
India passes the gavel to Brazil.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2023
We have unwavering faith that they will lead with dedication, vision and will further global unity as well as prosperity.
India assures all possible cooperation to Brazil during their upcoming G20 Presidency. @LulaOficial pic.twitter.com/twaN577XZv
लूला डी सिल्वा ने सामाजिक समावेशन, भूख के खिलाफ लड़ाई, ऊर्जा परिवर्तन और सतत विकास को जी20 की प्राथमिकताओं के रूप में सूचीबद्ध किया. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अपनी राजनीतिक ताकत बरकरार रखने के लिए स्थायी और गैर-स्थायी सदस्यों के रूप में नये विकासशील देशों की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विकासशील देशों के लिए अधिक प्रतिनिधित्व चाहते हैं.’’
इनपुट भाषा से भी.
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