'वक्त के साथ बदलाव जरूरी, बढ़ें UNSC के स्थायी सदस्य', जी20 समिट के आखिरी दिन पीएम मोदी का बड़ा बयान
G20 Summit 2023: जी20 समिट का आज दूसरा और आखिरी दिन है. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी क्लोजिंग स्पीच दी. जिसमें उन्होंने बदलाव की बात की.
G20 Summit 2023 In Delhi: जी20 शिखर सम्मेलन के दूसरे और आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि बदलाव आज के वक्त की मांग है. वक्त साथ बदलाव नहीं किया तो प्रासंगिकता खो देंगे. उन्होंने कहा, "विश्व को एक बेहतर भविष्य की तरफ ले जाने के लिए ये जरूरी है कि वैश्विक व्यवस्थाएं वर्तमान की वास्तविकताओं के मुताबिक हों. आज "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद” भी इसका एक उदाहरण है."
पीएम मोदी ने आगे कहा, "जब यूएन की स्थापना की गयी थी, उस समय का विश्व आज से बिलकुल अलग था. उस समय यूएन में 51 फाउंडिंग मेंबर्स थे. आज शामिल देशों की संख्या करीब 200 हो चुकी है. बावजूद इसके, UNSC में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं. तब से आज तक दुनिया हर लिहाज़ से बहुत बदल चुकी है. ट्रांसपोर्ट हो, कम्यूनिकेशन हो, हेल्थ, एजुकेशन, हर सेक्टर का कायाकल्प हो चुका है. ये नई वास्तविकताएं हमारे नए ग्लोबल स्ट्रक्चर में रिफ्लेक्ट होनी चाहिए."
'बदलाव नहीं करने वाले खो देते हैं प्रासंगिकता'
पीएम मोदी ने बदलाव पर जोर देते हुए कहा, "ये प्रकृति का नियम है कि जो व्यक्ति और संस्था समय के साथ स्वयं में बदलाव नहीं लाती है, वो अपनी प्रासंगिकता खो देती है. हमें खुले मन से विचार करना होगा कि आखिर क्या कारण है कि बीते वर्षों में अनेक रीजनल फोरम्स अस्तित्व में आए हैं, और वो प्रभावी भी सिद्ध हो रहे हैं." उन्होंने कहा कि आज हर वैश्विक संस्था को अपनी प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए रिफॉर्म करना आवश्यक है. इसी सोच के साथ हमने कल ही अफ्रीकन यूनियन को G-20 का स्थाई सदस्य बनाने की ऐतिहासिक पहल की है. इसी तरह, हमें Multilateral Development Banks के मैंडेट का विस्तार भी करना होगा. इस दिशा में हमारे फैसले immediate भी होने चाहिए, और effective भी.
उन्होंने कहा, "तेजी से बदलती दुनिया में हमें परिवर्तन के साथ-साथ स्थायित्व और स्थिरता की भी आवश्यकता है. आइए हम प्रण लें कि हरित विकास संधि, एसडीजी पर कार्य योजना, भ्रष्टाचार विरोधी उच्च स्तरीय सिद्धांत, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और एमडीबी सुधारों के अपने संकल्पों को सिद्धि तक लेकर जायेंगे."
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