G20 Summit 2023 India: जी-20 शिखर सम्मेलन (समिट) की बैठक आज से शुरू हो रहा है. इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है. दिल्ली में दुनिया भर से प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंच चुके हैं.
जी-20 समिट की इस बैठक में सबसे ज्यादा फोकस सतत विकास पर होगा, हालांकि सबकी निगाहें इस पर होंगी कि रूस-यूक्रेन का मुद्दा बैठक के दौरान उठता है या नहीं. विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह के तौर पर शुरू हुए जी-20 में हाल के बरस में स्थायी ऊर्जा, अंतर्राष्ट्रीय ऋण, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे मुद्दों का विस्तार हुआ है.
भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने प्रेस काफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, 'बैठक के दौरान जी-20 के नेताओं की ओर से की जाने वाली घोषणा ग्लोबल साउथ की आवाज को दुनिया के सामने रखेंगी.'
ग्लोबल साउथ को विकासशील या कम से कम विकसित देशों के तौर देखा जाता है. इस साल भारत ने जी-20 के लिए 'वसुधैव कुटुंबकम: एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' का थीम तय किया है. इसके तहत भारत ने छह प्राथमिकताओं को रेखांकित है, जिसके तहत जी-20 बैठक इन प्राथमिकताओं को उठाया जाएगा. आइए जानते हैं क्या हैं वे विषय जिस पर शिखर सम्मेलन में चर्चा होगी?
ग्रीन डेवलपमेंट
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान क्लाइमेट फाइनेंस (जलवायु वित्त) और टेक्नोलॉजी पर विशेष ध्यान होगा. वहीं भारत के लिए जलवायु परिवर्तन प्रमुख प्राथमिकता होगी. हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने क्लाइमेट एक्शन में नेतृत्व दिखाया है और 2030 तक 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म स्थापित क्षमता हासिल करने की योजना बनाई है.
थिंक-टैंक स्ट्रैटेजिक पर्सपेक्टिव्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 'भारत जी20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक हरित विकास समझौते पर जोर दे सकता है, जिसमें क्लाइमेट फाइनेंस भी शामिल होगा. पर्यावरण के लिए जीवनशैली, सर्कुलर इकोनॉमी (चक्रीय अर्थव्यवस्था), सतत विकास की प्रगति में तेजी लाना, ऊर्जा परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा मुद्दे पर भी विशेष ध्यान होगा.'
समावेशी विकास
वैश्विक स्तर पर संरचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए भारत ने प्रमुख मूलभूत चुनौतियों को पहचाना है, जो साझा समृद्धि और प्रगति के लिए आवश्यक हैं. जी-20 समिट के दौरान भारत श्रम अधिकारों और कल्याण की वकालत करने के अलावा वैश्विक व्यापार क्षेत्र में छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों की भागीदारी को बढ़ावा देने की बात करेगा. इसके अलावा लगातार बढ़ते वैश्विक कौशल के अंतर को संबोधित करना और समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला और खाद्य प्रणालियों का निर्माण भी बातचीत की केंद्र में होगा.
सतत विकास लक्ष्य
G20 शिखर सम्मेलन में सतत विकास के लिए 2030 के एजेंडे को प्रभाव में लाने के लिए विचार-विमर्श होगा, जिसमें विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के प्रभाव को केंद्र में रखकर चर्चा की जाएगी.
इस साल की शुरुआत में वाराणसी में जी20 की एक बैठक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एसडीजी हासिल करने के लिए लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण महत्वपूर्ण हैं.
इस बैठक में भारत ने सतत विकास लक्ष्य को लेकर एक नई सात-वर्षीय कार्य योजना जारी की थी जो सतत विकास के लिए डेटा और डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और उचित बदलावों को सुरक्षित करने के साथ-साथ महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास में निवेश करने पर केंद्रित है.
डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन
डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, डिजिटल अर्थव्यवस्था में सुरक्षा और डिजिटल कौशल भी शिखर सम्मेलन के दौरान चर्चा के केंद्र में रहेंगे. शिखर सम्मेलन के दौरान भारत की ओर से कृषि और शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन में तेजी लाने, वित्तीय समावेशन और यूपीआई जैसी डिजिटल भुगतान प्रणालियों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जाएगा.
समिट में मौजूद प्रतिनिधियों को भारत यह दिखाएगा कि कैसे एक अरब लोगों को आधार से जोड़ा गया, इसके अलावा यूपीआई से भुगतान कैसे किया जाता है, इसकी प्रकिया भी प्रतिनिधियों को दिखाई जाएगी.
बहुपक्षीय संस्थाएं
भारत ने हमेशा कहा है कि 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार करना समय की मांग है. बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य और ग्लोबल साउथ की नई विश्व व्यवस्था के तौर पर उभरने के बीच भारत ने माना है कि विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार की लंबे समय से जरूरत है.
इस मुद्दे को संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र का समर्थन मिला है. व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व बैंक में सुधार पर ध्यान केंद्रित करेंगे और बाकी बहुपक्षीय विकास बैंकों से जलवायु परिवर्तन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए ऋण को बढ़ावा देने का आग्रह करेंगे.
वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जी20 सदस्य देशों से वर्तमान वास्तविकताओं के मुताबिक वैश्विक वित्तीय संस्थानों, नियमों और रूपरेखाओं के सुधार पर गंभीरता से विचार करने और विकासशील देशों को उन संसाधनों तक पहुंचने में सक्षम बनाने के लिए तैयार हैं, जिन्हें उन्हें सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में निवेश करने की आवश्यकता है.
महिला नेतृत्व वाला विकास
बाकी विषयों से इतर महिला नेतृत्व विकास के मुद्दे पर भारत की काफी सराहना हो रही है. भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत लैंगिक समानता को बल मिला है. पीएम मोदी के "नारी शक्ति" के लक्ष्य को लेकर भारत सरकार लगातार विकास योजना और निर्णय लेने में महिलाओं को शामिल करने की वकालत कर रही है.
इस साल की शुरूआत में जी20 की कार्य समूह बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत में, हम महिला सशक्तिकरण तक ही सीमित नहीं हैं. हमारा विकास महिलाओं के नेतृत्व वाला है. महिलाएं विकास का एजेंडा तय कर रही हैं और विकास और परिवर्तन की अगुवा भी हैं. मैं आपसे महिलाओं के लिए एक गेम-चेंजिंग कार्य योजना अपनाने का आग्रह करता हूं."