देश में 9 से 10 सितंबर को होने जा रहे जी-20 सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शिरकत करेंगे. वह 7 सितंबर को सम्मेलन में शामिल होने के लिए रवाना होंगे. भारत पहुंचने के बाद 8 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी द्वपक्षीय बैठक है. शिखर सम्मेलन के दौरान वह अन्य सदस्य देशों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे और 10 सितंबर को वॉशिंगटन के लिए वापस लौट जाएंगे. 


दो दिवसीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत आ रहे मेहमानों के ठहरने की खास व्यवस्था की गई है. विदेशी मेहमानों के दिल्ली एनसीआर के करीब 30 फाइव स्टार होटलों में ठहरने की व्यवस्था की गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के ठहरने का इंतजाम दिल्ली के आईटीसी मौर्या होटल में किया गया है.


जो बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों के रिश्तों पर खास बातचीत की उम्मीद है. भारत और अमेरिका के रिश्ते समय के साथ-साथ और मजबूत होते जा रहे हैं. जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद इसमें और मजबूती आई है. 22 अगस्त को अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने भी बताया था कि जो बाइडेन भारत को महत्वपूर्ण साथी मानते हैं. गार्सेटी ने कहा कि जब उन्हें राजदूत के तौर पर भारत भेजा जा रहा था तब जो बाइडेन ने उनसे कहा था कि दुनिया में भारत उनके लिए महत्वपूर्ण देश है.


जो बाइडेन का राजनीतिक सफर
जो बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति हैं. उनका पूरा नाम जोसेफ रॉबिनेट बाइडेन, जूनियर है. जो बाइडेन 36 सालों से अमेरिका की राजनीति में सक्रिय हैं. वह डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं. 29 साल की उम्र में पहली बार डेलवेयर से चुनाव लड़कर वह यूनाइटेड स्टेट की सीनेट पहुंचे और तब से वह इसी सीट से चुनाव लड़ते आ रहे हैं. उनका जन्म पेनसिलवेनिया के स्क्रेनटों में हुआ और 4 भाई-बहनों में वह सबसे बड़े हैं. उनके पिता का नाम जोसेफ रॉबिनेट बाइडेन, सीनियर और माता का नाम कैथेरिन यूजेनिया फिनेगल बाइडेन है. 1953 में उनका परिवार डेलवेयर में शिफ्ट हो गया. जो बाइडेन यूनिवर्सिटी ऑफ डेलवेयर से ग्रेजुएट हैं और सिराक्यूज लॉ स्कूल से उन्होंने कानून की पढ़ाई की है. 


उपराष्ट्रपति से लेकर कई अहम जिम्मेदारियां भी निभाईं
36 सालों में अमेरिकी सांसद रहने के दौरान जो बाइडेन ने कई जिम्मेदारियों को संभाला. वह 16 साल सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी के चेयरमैन रहे. वायलेंस एगेंस्ट वूमेन एक्ट के लेखन और नेतृत्व के लिए उन्हें जाना जाता है. यह कानून महिलाओं पर अत्याचार और हिंसा के खिलाफ दंड को मजबूत करता है. 12 साल सीनेट फोरेन रिलेशंस कमिटी प्रमुख रहने के दौरान जो बाइडेन ने यूएस फोरेन पॉलिसी बनाने में अहम भूमिका निभाई. इसके अलावा, आतंकवाद, शीत युद्ध के बाद यूरोप, मध्य पूर्व, दक्षिण पश्चिम एशिया और रंगभेद को समाप्त करने से संबंधित मुद्दों में भी खास भूमिका निभा चुके हैं. साल 2009 से 2017 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में जो बाइडेन अमेरिका के उपराष्ट्रपति रहे.


जो बाइडेन का परिवार
जो बाइडेन की पहली पत्नी निलिया था, जिनकी एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. इस हादसे में उनकी बेटी नाओमी मर गई और दोनों बेटे हंटर और बियू बुरी तरह जख्मी हो गए. 1977 में जो बाइडेन ने जिल जैकब से शादी की और 1980 में उनको एक बेटी आशले ब्लेजर बाइडेन पैदा हुई.


यह भी पढ़ें:
G20 Summit 2023: जी-20 समिट में शामिल होने आ रहा है भारत का 'दोस्त', ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज का अब तक का सियासी सफर कैसा रहा है?