G20 Summit Delhi: दिल्ली में जी20 समिट की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और ग्लोबल लीडर्स का देश पहुंचने का सिलसिला जारी है. जी20 शिखर सम्मेलन शुरू होने से एक दिन पहले, जी 20 के शेरपा अमिताभ कांत ने शुक्रवार (8 सितंबर) को कहा कि नई दिल्ली के नेताओं के घोषणापत्र में ग्लोबल साउथ और विकासशील देशों की आवाज होगी. डिक्लेरेशन के बारे में बात करते हुए जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "घोषणापत्र लगभग तैयार है, मैं इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहूंगा. इस घोषणापत्र की सिफारिश नेताओं को वैश्विक नेताओं से की जाएगी और नेता इसे स्वीकार करेंगे और उसके बाद ही हम वास्तविक उपलब्धियों के बारे में बात कर पाएंगे."
पीटीआई के मुताबिक अमिताभ कांत ने कहा, "जब भारत ने पिछले साल बाली में जी20 की अध्यक्षता संभाली थी, तब वह दुनिया भर में धीमी वृद्धि और उत्पादकता के परिदृश्य के बीच था. भारत ने महसूस किया कि हमें अपनी अध्यक्षता 'वसुधैव कुटुंबकम' की थीम के साथ शुरू करनी चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत की अध्यक्षता समावेशी, निर्णायक और महत्वाकांक्षी होनी चाहिए. हम अपनी अध्यक्षता के दौरान समावेशी, महत्वाकांक्षी और बहुत निर्णायक होने के उनके दृष्टिकोण पर खरे उतरे हैं."
भारत की अध्यक्षता के लिए क्या जरूरी
भारत के जी20 अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख प्राथमिकताओं के बारे में G20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, "हमारे लिए दूसरी प्रमुख प्राथमिकता सतत विकास लक्ष्यों को गति देना था, क्योंकि 169 एसडीजी में से केवल 12 ही पटरी पर हैं और हम तय समय से काफी पीछे हैं. हम 2030 एक्शन पॉइंट के मध्य में हैं. हम बहुत पीछे हैं, इसलिए एसडीजी में तेजी लाना, सीखने के परिणामों में सुधार, स्वस्थ परिणाम, पोषण - ये सभी भारत की अध्यक्षता के लिए बहुत महत्वपूर्ण थे."
क्या है जी20 में भारत की अध्यक्षता का फोकस
अमिताभ कांत ने कहा, इस सम्मेलन में 29 विशेष आमंत्रित देशों और 11 अंतराष्ट्रीय संस्थाओं ने हिस्सा लिया है. हमने इस अवसर का उपयोग करते हुए बैठकों को भारत के 60 शहरों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित की... जब G20 दूसरे देशों में आयोजित हुआ तो वह देश के अधिकतम 2 शहरों में आयोजित होता था, लेकिन भारत ने इसे 60 शहरों में आयोजित किया. वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की जी20 की अध्यक्षता का फोकस और दृष्टिकोण वैश्विक चर्चा के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है, जो लोगों के जीवन में बदलाव ला सकते हैं."
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