Emmanuel Macron Profile: भारत में होने वाली जी-20 शिखर सम्मेलन (जी-20 समिट) की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं. इस समिट को नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है. सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे नेताओं का स्वागत करने के लिए देश तैयार है. इसी क्रम में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी इस समिट में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे हैं और वो दिल्ली के द क्लैरिजेस होटल में रुकेंगे.
इससे पहले जुलाई के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आधिकारिक यात्रा पर फ्रांस गए थे. पीएम मोदी के सम्मान में एलिसी पैलेस में प्राइवेट डिनर का आयोजन किया गया. इस दौरान फ्रेंच प्रेसीडेंट इमैनुएल मैक्रों ने अपने आधिकारिक आवास में पीएम मोदी की मेजबानी की. इसके बाद पहला पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रेसीडेंट मैक्रों एक दूसरे से मुलाकात करेंगे. हालांकि इमैनुएल मैक्रों इससे पहले भी कई बार भारत आ चुके हैं.
कौन हैं इमैनुएल मैक्रों?
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का जन्म 21 दिसंबर 1977 को एमिएन्स में हुआ था. उनके पिता का नाम फ्रेंकोइस मैक्रों हैं जो पेशे से डॉक्टर हैं. उनकी मां जीन मिशेल मैकों हैं जो पेशे से प्रोफेसर हैं और पिकार्डी यूनिवर्सिटी में न्यूरोलॉजी पढ़ाती हैं. मैक्रों ने अपनी शुरूआती शिक्षा अमीन्स के लीसी ला प्रोविडेंस से पूरी की.
इमैनुएल मैक्रों का राजनीतिक सफर
फ्रेंच प्रेसीडेंट की अगर पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने पेरिस ऑएस्ट नैनटेरे लॉ डिफेंस यूनिवर्सिटी से दर्शनशास्त्र में डीई की डिग्री ली है. इसके अलावा, पेरिस इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिकल स्टडीज से सार्वजनिक मामलों में मास्टर डिग्री हासिल की है. मैक्रों के अगर राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो अगस्त 2014 में वो पहली फ्रांस की कैबिनेट में शामिल हुए थे. इसके बाद साल 2016 में उन्होंने इस कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. 14 मई 2017 को वो फ्रांस के राष्ट्रपति के रूप में चुने गए और तब से वो कार्यरत हैं. बता दें कि फ्रांस के इतिहास में इमैनुएल मैक्रों सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति हैं.
क्यों छोड़ा कैबिनेट पद?
साल 2014 में तत्कालीन पीएम मैनुएल वाल्स ने मैक्रों को फ्रांस की कैबिनेट में शामिल किया था. इस दौरान उन्होंने अर्थव्यवस्था, उद्योग और डिजिटल मामलों में मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला. इसके अलावा उस समय के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने उन्हें उप महासचिव का पद भी दिया था. अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान मैक्रों ने कई सुधार भी किए. साल 2017 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने के लिए उन्होंने साल 2016 में कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और अगले साल फ्रांस के राष्ट्रपति बने.