G20 Summit In India: भारत में जी20 समिट का रविवार (10 सितंबर 2023) को दूसरा और आखिरी दिन है. शनिवार को समिट के पहले दिन ही भारत ने 100 से अधिक मुद्दों पर आम सहमति हासिल करके राजनयिक इतिहास रच दिया. इसमें सबसे अहम सहमति संवेदनशील रूस-यूक्रेन युद्ध पर साझा बयान जारी करना था. जी20 समिट की इस राजनयिक सफलता ने अचानक भारत को ग्लोबल साउथ की आवाज बना दिया.
राजनयिक मामलों की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों की माने तो भारत में इतिहास तो उस सुबह ही बन गया था जब पीएम मोदी ने अफ्रीकी संघ को जी20 देशों के ग्रुप में शामिल करने का प्रस्ताव रखा था. इस प्रस्ताव को सभी देशों की सहमति मिली थी. अफ्रीकी यूनियन जी20 में 55 देशों का प्रतिनिधित्व कर रहा है. जोकि एक पूरे महाद्वीप के लिए अहम क्षण है.
सभी देशों ने सर्वसम्मति से जारी किया साझा घोषणापत्र
मोदी ने एक पोस्ट में कहा, ‘नई दिल्ली घोषणापत्र (नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लरेशन) अपनाने के साथ ही इतिहास रचा गया है. सर्वसम्मति और उत्साह के साथ एकजुट होकर हम एक बेहतर, अधिक समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण भविष्य के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करने का संकल्प लेते हैं. जी20 के सभी सदस्यों को उनके समर्थन और सहयोग के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं.’
इस घोषणापत्र और भारत में समिट पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, जब हम दुनिया भर के किसी भी कोने में लोगों के भविष्य में निवेश करते हैं तो हम दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले लोगों के भविष्य में निवेश कर रहे होते हैं, इससे सभी लोगों को फायदा होता है.
'यह युग युद्ध का युग नहीं है'
जी20 देशों का घोषणापत्र जारी करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'यह युग युद्ध का युग नहीं है परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी के साथ दुनिया नहीं चल सकती है. हमें अभी-अभी अच्छी खबर मिली है कि हमारी टीम की कड़ी मेहनत और आपके सहयोग के कारण, नयी दिल्ली जी20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन पर आम सहमति बन गई है. मैं घोषणा करता हूं कि इस घोषणापत्र को स्वीकार कर लिया गया है.’
जैव ईंधन पर कई देशों के साथ हुआ गठबंधन
दुनिया में जलवायु परिवर्तन काफी तेजी के साथ हो रहा है. इसलिए जी20 के कुछ देशों ने अपने यहां के पेट्रोल में जैव ईंधन इस्तेमाल करने को लेकर गठबंधन बनाने में आम सहमति बनाई. इस गठबंधन की घोषणा पीएम मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन से इतर की.
इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी सहित कई वैश्विक नेता मौजूद थे और उन्होंने जीवाश्म ईंधन अपनाने पर सहमति जताई.
भारत के अलावा, इस गठबंधन की शुरुआत करने वाले सदस्य देशों में अर्जेंटीना, बांग्लादेश, ब्राजील, इटली, मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका शामिल थे, जबकि कनाडा और सिंगापुर पर्यवेक्षक देश हैं.
'जी20 से दुनिया भारत के लिए और भारत दुनिया के लिए तैयार हुआ'
समिट के पहले दिन अहम बैठकों के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोपहर लगभग तीन बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस कॉन्फ्रेंस में एस जयशंकर ने कहा कि इस समिट ने भारत को दुनिया के लिए और दुनिया को भारत के लिए तैयार कर दिया है. यह समिट दुनिया में भारत की अहमियत को बढ़ाने वाली रही.
जयशंकर ने कहा कि वैश्विक नेताओं ने इस बात को स्वीकार किया कि जी20 भू-राजनीतिक और सुरक्षा के मुद्दों को हल करने का मंच नहीं है लेकिन उनका यह भी मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए इसके महत्वपूर्ण परिणाम हो सकते हैं.
'भारत ग्लोबल साउथ की चिंताएं दुनिया को बताना चाहता है'
जयशंकर ने कहा,'उन्होंने (जी20 नेताओं) यूक्रेन में चल रहे युद्ध और विशेष रूप से विकासशील और कम विकासशील देशों पर इसके प्रभाव पर चर्चा की, जो अब भी महामारी और आर्थिक रूप से उबरने की प्रक्रिया में हैं. उन्होंने कहा, अफ्रीकी संघ का भारत की अध्यक्षता में समूह का सदस्य बनना भारत की विदेश नीती की उस प्राथमिकता को पूरा करता है जिसमें वह ग्लोबल साउथ की परेशानियों और चिंताओं को दुनिया को बताना चाहता है.
ये भी पढ़ें: अक्षरधाम मंदिर में ऋषि सुनक को मिला खास गिफ्ट, पत्नी अक्षता मूर्ति संग ऐसे की पूजा