G20 Summit In India: भारत में जी20 समिट के आयोजन का रविवार को दूसरा दिन है. जी20 देशों के नेताओं का नई दिल्ली में जमावड़ा है. शनिवार (9 सितंबर 2023) को दिल्ली डिक्लेरेशन में 32 पन्नों के नई दिल्ली डेक्लेरेशन को चीन समेत सभी सदस्य देशों की साझा सहमति से जारी किया गया. चीन ने इस डेक्लेरेशन का कोई विरोध नहीं किया. चीन की यह चुप्पी सदस्य देशों को चौंका रही है. 


इतिहास पर नजर डालें तो चीन अक्सर वैश्विक मामलों में भारत की आलोचना करता नजर आता है. वैश्विक मामलों में लगभग-लगभग चीन भारत के हर रुख के विपरीत खड़ा नजर आता है पूर्व में भी उसका ऐसा ही रुख रहा है लेकिन इस बार उसने चुप्पी साध रखी है. पड़ोसी देश चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीन की सरकार में नंबर दो चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग को अपना प्रतिनिधि बनाकर भारत भेजा है और वह इस वैश्विक मंच पर चुप हैं. 


मीडिया से भी कोई बात नहीं की
चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग, उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने रविवार दोपहर तक घरेलू या विदेशी मीडिया में किसी भी प्रकार का कोई बयान जारी नहीं किया है. जबकि रूस-यूक्रेन युद्ध पर चीन को रूस के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली भाषा पर हमेशा से आपत्ति रही है और जी20 में रूस का नाम लिए बिना यूक्रेन में शांति की स्थापना की बात कही गई. इसके साथ ही यह भी कहा गया कि सभी सदस्य देश किसी भी दूसरे देश पर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी देने से बचना चाहिए. 


असहमति के बावजूद चीन की चुप्पी पर टिकी निगाहें
बीते साल भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली थी. इस अध्यक्षता के बाद से ही भारत जी20 की तैयारियों में लगा हुआ था. समिट से पहले होने वाली बैठकों में चीन लगातार कई मुद्दों पर अपनी असहमति दर्ज करा था लेकिन अंत में उसने चुप्पी साध ली. ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि चीन ने जी20 समिट की थीम वसुधैव कुटुंबकम पर भी आपत्ति जताई थी.


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