G20 Summit: इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर बुधवार (16 नवंबर) को खत्म हुई जी 20 (G20) की बैठक में G20 की अध्यक्षता अगले 1 साल के लिए भारत को सौंप दी गई है. इस साल 1 दिसंबर से शुरू होकर अगले साल 30 नवंबर तक भारत ही जी-20 समूह का अध्यक्ष रहेगा. इस नाते अगले साल नवंबर में जी 20 समूह में शामिल देशों की शिखर बैठक भारत में ही आयोजित होगी.
जी-20 समूह की अध्यक्षता को मोदी सरकार ने भारत की एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि बताया है और इसलिए अगले एक साल तक सरकार की योजना शिखर बैठक से पहले अलग-अलग विषयों पर कई कार्यक्रम करने की है. एबीपी न्यूज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आजादी के 75वें साल में मिली इस अध्यक्षता को मोदी सरकार बड़े पैमाने पर मनाने जा रही है.
आजादी के अमृत महोत्सव से क्या कार्यक्रम जोड़ जाएंगे?
इन कार्यक्रमों को आजादी के अमृत महोत्सव से भी जोड़ने की योजना चल रही है. ऐसे में सरकार अगले साल होने वाली शिखर बैठक से पहले देश के 75 शहरों में इससे जुड़े 75 कार्यक्रम और बैठकें आयोजित करने की योजना बन रही है. कोशिश यह की जा रही है कि देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में कम से कम एक कार्यक्रम और बैठक आयोजित करवाई जाए.
उन जगहों पर विशेष फोकस दिया जाएगा जो पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं ताकि उन्हें दुनिया के सामने पेश किया जा सके.ऐसी जगहों में वाराणसी , केवडिया और कश्मीर जैसी जगहें शामिल हैं.
किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
शिखर बैठक से पहले होने वाली ऐसी बैठकों में ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटल तकनीक, एक विश्व यानि वसुधैव कुटुंबकम् और समेकित विकास जैसे विषयों पर चर्चा होगी. इस साल अगस्त में हुई नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा था कि जी 20 की बैठक यह दिखाने के लिए एक सुनहरा अवसर है कि भारत केवल दिल्ली नहीं बल्कि देश का हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश है.
क्या बोले प्रधानमंत्री?
प्रधानमंत्री ने कहा था कि जी-20 बैठक को धुरी बनाकर देश में एक जन आंदोलन चलाना चाहिए ताकि सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं बाहर आ सके. पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में अपने सभी मंत्रियों से भी प्रधानमंत्री ने इन बैठकों को सफल बनाने के लिए काम करने के लिए कहा है.