G20 Summit 2023:  चीन ने मंगलवार को कहा कि उसने इस साल के जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी को लेकर भारत का समर्थन किया है. वह इस सप्ताह नयी दिल्ली में होने वाले वैश्विक सम्मेलन की सफलता के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने को तैयार है. चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की थी कि जी20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जगह प्रधानमंत्री ली क्विंग चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे.


यह पूछे जाने पर कि क्या राष्ट्रपति के बजाय प्रधानमंत्री को भारत भेजने का निर्णय दोनों देशों के बीच तनाव को दर्शाता है? चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि और दोनों पक्षों ने  विभिन्न स्तरों पर बातचीत और सम्पर्क बनाए रखा है.


चीन भारत संबंधों में निरंतर सुधार


सीमा विवाद का उल्लेख किए बिना चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, ‘‘चीन-भारत संबंधों में निरंतर सुधार और वृद्धि से दोनों देशों और उनके लोगों के साझा हितों की पूर्ति होती है. हम द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने और आगे बढ़ाने की खातिर भारत के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.’’


चीन ने हमेशा दिया जी20 को महत्व- चीनी विदेश मंत्रालय 


जी20 शिखर सम्मेलन के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि चीन हमेशा इस समूह को उच्च महत्व देता है और प्रासंगिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेता है. उन्होंने 9-10 सितंबर को नयी दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन पर कहा, हम इस साल के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने में भारत का समर्थन करते हैं और जी20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि जी20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है.


कब से है भारत-चीन में विवाद 


जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव है. पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से टकराव है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है. भारत लगातार कहता रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और स्थिरता समग्र संबंधों को सामान्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं.


जी20 सम्मेलन में मौजूद होंगे इन देशों के नेता


चीन के प्रधानमंत्री ली 5 से 8 सितंबर तक इंडोनेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे. वह जकार्ता में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद भारत की यात्रा करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा उन जी20 नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पहले ही पुष्टि कर दी है.


जी20 में शामिल हैं ये देश 


जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं. समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.


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