G20 Summit News: जी20 की अध्यक्षता के लिए केंद्र ने आवंटित किए 1310 करोड़ रुपये, राज्यसभा में सरकार ने दी जानकारी
जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन पर खर्ज हुए रुपयों को लेकर पिछले काफी समय से चर्चा चल रही थी. इसका जवाब केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यसभा में दिया है.
G20 Summit In India: देश में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन 2023 के लिए किए गए खर्चे को लेकर उठे विवाद पर विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने शुक्रवार (08 दिसंबर) को राज्यसभा में जवाब देते हुए बताया कि केंद्र ने जी20 की अध्यक्षता के लिए कुल 1310 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. उन्होंने राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद साकेत गोखले के सवाल का जवाब देते हुए ये जानकारी दी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, "वित्त मंत्रालय की ओर से वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की G20 प्रेसीडेंसी और शिखर सम्मेलन के लिए विदेश मंत्रालय (MEA) को आवंटित बजट 320 करोड़ रुपये था और वित्त वर्ष 2023-24 में 990 करोड़ रुपये था." वहीं पूरे भारत में जी20 शिखर सम्मेलन और इससे संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन पर जी20 सचिवालय की ओर से किए गए वास्तविक व्यय पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि बिल अभी भी रिसीव और प्रोसेस्ड किये जा रहे हैं.
साकेत गोखले पहले भी उठा चुके हैं सवाल
राज्यसभा सांसद और टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले इससे पहले भी जी20 शिखर सम्मेलन पर हुए खर्चे को लेकर सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा था कि भारत सरकार ने जी20 समिट के लिए बजट में आवंटित की गई धनराशि से 300 प्रतिशत अधिक खर्च किया है. साकेत गोखले के मुताबिक, सरकार ने इस सम्मेलन के लिए 990 करोड़ के बजाय 4100 करोड़ रुपये खर्च कर दिए.
भारत मंडपम में आयोजित किया गया जी20 शिखर सम्मेलन
हालांकि इसमें कहा गया कि सचिवालय ने दो वित्तीय वर्षों में 1310 करोड़ रुपये जारी किए हैं और इसके अलावा कोई धनराशि नहीं दी गई. जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया गया था. भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान एक साल- 01 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक देश के 60 शहरों में 250 से अधिक आधिकारिक बैठकें और सैकड़ों संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए गए.
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