G20 Summit In Delhi: 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने प्रतिक्रिया दी है. शिखर सम्मेलन में रूस और चीन के राष्ट्रपति के शामिल न होने का जिक्र करते हुए मनीष तिवारी ने कहा है कि अभी यह साफ नहीं है कि कितने अन्य राष्ट्राध्यक्ष इसमें भाग लेंगे.
उन्होंने मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा कि शांति का संतुलन बहाल करना प्रमुख चुनौती है, जो यूक्रेन में अनावश्यक युद्ध के कारण बाधित हो गया है.
जी-20 समिट को लेकर क्या कुछ बोले मनीष तिवारी?
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बुधवार (6 सितंबर) को न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा, ''दुर्भाग्य से इस बार राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों आधिकारिक तौर पर शिखर सम्मेलन से बाहर हो गए हैं और वे अपने प्रतिनिधियों को भेजेंगे. इस समय पर यह भी स्पष्ट नहीं है कि कितने अन्य राष्ट्राध्यक्ष भाग लेंगे.''
उन्होंने कहा, ''इसलिए उन परिस्थितियों में वैश्विक व्यवस्था में शांति के संतुलन को बहाल करने की प्रमुख चुनौती है, जो यूक्रेन में अनावश्यक युद्ध के कारण बाधित हो गई है जहां रूस जिम्मेदारी लेता है और वास्तविक नियंत्रण रेखाभर में उल्लंघन, जहां चीन जिम्मेदार है, उस मुख्य उद्देश्य को इस मंच पर संबोधित नहीं किया जाएगा...''
'जी-20 की अपनी प्रासंगिकता है लेकिन...'
कांग्रेस नेता तिवारी ने कहा, ''...एक बहुपक्षीय मंच के रूप में इसकी (जी-20) अपनी प्रासंगिकता है लेकिन इसे वास्तव में प्रभावशाली बनाने की जरूरत है. इसे वास्तव में इस बात पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है कि यह कहां अंतर ला सकता है.''
उन्होंने कहा, ''यह देखते हुए कि दुनिया खंडित हो गई है और लगभग एक नया शीत युद्ध हमारे सामने है और प्रमुख नायकों, प्रतिद्वंद्वियों ने खुद को अनुपस्थित करने का निर्णय लिया है, यह देखना होगा कि यह जी-20 वास्तव में क्या प्रदान कर सकता है. क्या हम स्पष्ट कर सकते हैं या वे पर्यावरण की चुनौती का सामना करने के लिए किसी प्रकार की एकजुट प्रतिक्रिया तैयार कर सकते हैं. ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती, जो पृथ्वी ग्रह के लिए महत्वपूर्ण और अस्तित्व संबंधी है..."