दिल्ली में बुधवार रात गुलाम नबी आजाद के घर पर G23 के नेताओं की डिनर पर लंबी मुलाकात हुई. एबीपी को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक G23 नेताओं के बीच एक प्रेशर ग्रुप के तौर पर काम करने की सहमति बनी और तमाम प्रस्तावों के साथ गुलाम नबी आजाद कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं.
एबीपी न्यूज को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक G23 की इस बैठक में कांग्रेस की हो रही लगातार हार और गांधी परिवार की भूमिका पर लंबी चर्चा हुई और बैठक में तय हुआ की एक प्रेशर ग्रुप के माध्यम से कांग्रेस नेतृत्व पर बदलाव के लिए दबाव बनाने की कोशिश की जाएगी.
हरीश रावत को क्यों बनाया गया सीएम पद का उम्मीदवार
बैठक में इस बार पर भी आपत्ति दर्ज कराई गई कि जिस हरीश रावत की रणनीति कि वजह से पंजाब में पार्टी का बुरा हाल हुआ और उसी हरीश रावत को उत्तराखंड में अघोषित मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर क्यों पेश होने दिया गया.
यही नहीं G23 नेताओं ने हार की समीक्षा और जरूरी संगठनात्मक बदलाव के लिए सोनिया गांधी द्वारा अलग अलग राज्यों के लिए दी गई जिम्मेदारियों में अजय माकन और अविनाश पांडे जैसे नेताओं को शामिल किए जाने पर ये कहते हुए आपत्ति जताई कि जब यही लोग हार के जिम्मेदार हैं तो फिर ये कैसे किया गया.
G23 के नेताओं ने ये भी कहा कि अगर कांग्रेस अध्यक्षा ने सभी पांचो राज्यों के अध्यक्षों का इस्तीफा मांगा तो फिर प्रभारी महासचिवों से इस्तीफा क्यों नहीं मांगा गया. गौरतलब है कि खुद प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव हैं.
सामुहिक नेतृत्व की ओर बढ़ना ही विकल्प
एबीपी न्यूज को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक G23 नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि गांधी परिवार और खासकर राहुल गांधी के इर्द गिर्द चाटुकार राजनेताओं का समूह उन्हें सच्चाई देखने नहीं दे रहा है. G23 नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी के तौर तरीकों में बहुत बदलाव आ चुका है और ये एहसास करना ही होगा कि अब अध्यक्ष पद किसी और को सौंपकर सामुहिक नेतृत्व की तरफ बढ़ना ही विकल्प है.
एबीपी न्यूज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक बैठक में इस बात पर सभी के बीच आम सहमति बनी की कांग्रेस पार्टी को तोड़ना नहीं चाहिए और अगर अब भी कांग्रेस नेतृत्व G23 नेताओं की बात नहीं सुनता है तो फिर ये नेता पुरजोर तरीके से जनता के बीच जा सकते हैं.
गुलाम नबी आजाद ने सोनिया से मांगा मिलने का वक्त
सबसे अहम बात की सभी मांगो को लेकर आजाद के सोनिया गांधी से मिलने की सहमति के बाद गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी से मिलने का वक्त मांगा भी है पर सोनिया गांधी से उन्हें अब तक मिलने का वक्त नहीं दिया गया है.
G23 की बैठक में आने वाले समय में राज्यों के भी और कांग्रेस नेताओं से संपर्क साधने की रणनीति बनाई गई है. गौरतलब है कि बुधवार को इस बैठक में बाकी सदस्यों के अलावा डॉ. शशि थरूर, मणिशंकर अय्यर, प्रनीत कौर और शंकर सिंह वाघेला भी शामिल हुए थे.
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