G7 Summit 2024 Live: जियोर्जिया मेलोनी से मिले पीएम मोदी, इटली की प्रधानमंत्री ने नमस्ते से किया स्वागत
G7 Summit in Italy Updates: जी7 सात देशों का समूह है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं. इस साल जी7 का 50वां शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है.
इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया. दोनों नेताओं ने हाथ जोड़कर एक दूसरे का अभिवादन किया. इस दौरान दोनों ने गुफ्तगू भी किया.
G7 शिखर सम्मेलन के बैनर तले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की. रूस-यूक्रेन जंग के बीच दोनों नेताओं की मुलाकात हो रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G7 शिखर सम्मेलन से अलग ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ द्विपक्षीय बैठक की. दोनों नेता गर्मजोशी के साथ एक-दूसरे से गले मिले.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय बैठक की. दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर और गले लगाकर एक दूसरे को स्वागत किया.
विकसित देशों के इस संगठन के लिए भारत बेहद ही अहम देश है. इसकी कई वजहें हैं, जिसमें दुनिया में भारत की बढ़ रही ताकत भी शामिल है. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भी भारत है. पीएम मोदी की दमदार नीतियों की वजह से भी भारत जी7 के लिए खास देश है. इसके अलावा भारत को वैश्विक राजनीति में नई पहचान मिली है, जबकि पश्चिमी देशों के साथ उसका तालमेल भी बढ़ता जा रहा है.
भारत के अलावा इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. हालांकि, यूरोपीय संघ जी7 का सदस्य नहीं है, लेकिन यह वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है.
इटली ने अपनी अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की रक्षा करने पर जोर दिया है. इटली के अनुसार, यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक युद्ध ने उसके सिद्धांतों को कमजोर कर दिया है और दुनिया भर में कई संकटों के साथ बढ़ती अस्थिरता को जन्म दिया है. उसका कहना है कि जी7 मध्य पूर्व में संघर्ष और वैश्विक एजेंडे के लिए इसके परिणामों को समान महत्व देगा.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इटली में जी7 शिखर सम्मेलन से इतर मिलने की संभावना है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, ''उन्हें (बाइडन को) उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी वहां आएंगे. भारत ने फिलहाल औपचारिक रूप से उनकी (मोदी) उपस्थिति की पुष्टि नहीं की है लेकिन हमें उम्मीद है कि दोनों नेता एक-दूसरे से मिल सकते हैं. मुलाकात कैसी होगी फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है क्योंकि कार्यक्रम बेहद व्यस्त है.''
जी7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को चीन पर चर्चा की जाएगी. इसमें इस मुद्दे पर बात होगी की कि किस तरह से अपने-अपने देशों की इंडस्ट्री को चीन से बचाना है और उससे व्यापार संकट में भी नहीं उलझना है. अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी, इटली, कनाडा और ब्रिटेन के नेता दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन के साथ विशेष रूप से ग्रीन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में न्यायसंगत व्यापार प्रथाओं पर विचार-विमर्श करने के लिए इकट्ठा होंगे.
चीन लगातार यूक्रेन के साथ जंग में रूस की मदद कर रहा है. ऐसे में अमेरिका का मानना है कि चीन कहीं न कहीं भड़कावे का काम कर रहा है. इस मुद्दे पर भी बात की जाएगी.
जी7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन प्रवासन के मुद्दे पर नेताओं ने चर्चा की. सातों देशों के नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि किस तरह से उन देशों में निवेश बढ़ाया जा सकता है, जहां से सबसे ज्यादा प्रवास देखने को मिलता है. मानव तस्करी को रोकने के लिए योजना बनाने पर भी बात की गई.
भारत जी7 में 10 बार हिस्सा ले चुका है और इटली में हो रहे जी7 शिखर सम्मेलन में वह 11वीं बार हिस्सा ले रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली पहुंच चुके हैं, जहां वह मेजबान देश की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे.
पीएम मोदी के फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज और इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की उम्मीद है. पीएम मोदी के यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की से भी मिलने की संभावना है, जिनसे वह पिछले साल हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन में भी मिले थे.
जी7 शिखर सम्मेलन में पोप फ्रांसिस भी शामिल होंगे. पोप फ्रांसिस के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की भी उम्मीद है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इटली पहुंचने पर एक वीडियो संदेश जारी किया. उन्होंने कहा, "भारत के प्रधानमंत्री जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए इटली के ब्रिंडिसी एयरपोर्ट पहुंचे." प्रवक्ता ने कहा, ''उनका आज (शुक्रवार) का दिन बेहद व्यस्त रहने वाला है. हमारी एक के बाद एक कई वैश्विक नेताओं से साथ द्विपक्षीय बैठकें हैं. वह (मोदी) जी7 शिखर सम्मेलन के 'आउटरीच सत्र' को भी संबोधित करेंगे.''
वेटिकन की घोषणा के अनुसार, पोप फ्रांसिस जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं. वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे मुद्दों पर बात करने वाले हैं. ये पहला मौका है, जब वह जी7 में शामिल हो रहे हैं.
वेटिकन की घोषणा के अनुसार, पोप फ्रांसिस जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं. वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे मुद्दों पर बात करने वाले हैं. ये पहला मौका है, जब वह जी7 में शामिल हो रहे हैं.
वेटिकन की घोषणा के अनुसार, पोप फ्रांसिस जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं. वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे मुद्दों पर बात करने वाले हैं. ये पहला मौका है, जब वह जी7 में शामिल हो रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ जी7 शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात कर सकते हैं. व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह सिख अलगाववादी नेता गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मुद्दे को भारत सरकार के समक्ष उठाएगा. माना जा रहा है कि ये मुद्दा बाइडेन के साथ चर्चा के दौरान भी उठ सकता है.
जी7 के सात देश इस बात पर सहमत हो गए हैं कि यूक्रेन को रूस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए 50 बिलियन डॉलर का लोन दिया जाएगा. कोलेटरल के तौर पर रूस की फ्रीज की गई केंद्रीय बैंक संपत्तियों से होने वाले ब्याज की कमाई रखी जाएगी. इस साल के आखिर तक यूक्रेन को ये पैसा मिल जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिखर सम्मेलन से इतर कई द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना है. उन्होंने कहा, मैं शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य नेताओं से मिलने को लेकर भी उत्सुक हूं. उनके इटली के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात की संभावना है.
पीएम मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले साल प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत की दो यात्राओं ने हमारे द्विपक्षीय एजेंडे को गति और गहराई देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, हम भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत एवं भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि जी7 समिट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्यसागरीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जी7 के ‘आउटरीच’ सत्र में ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा.
जी7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं. इटली जी7 सम्मेलन की वर्तमान में अध्यक्षता और मेजबानी कर रहा है. इस बार आयोजन इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाजिया के आलीशान रिसॉर्ट में हो रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जून को जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली पहुंच चुके हैं. शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी. इटली पहुंचने पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंच गया हूं. विश्व नेताओं के साथ सार्थक चर्चा में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं. साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और उज्जवल भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है."
बैकग्राउंड
G7 Meeting Live Updates: इटली में 'ग्रुप ऑफ सेवन' या कहें जी7 देशों की बैठक हो रही है. इस बार जी7 शिखर सम्मेलन का आयोजन 13 से 15 जून तक है. इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली पहुंच चुके हैं. शिखर सम्मेलन के दौरान भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्यसागरीय क्षेत्र जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा. इस सम्मेलन में यूक्रेन में चल रहे भीषण युद्ध और गाजा के संघर्ष का मुद्दा छाया रहने वाला है.
पीएम मोदी के जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, इटली के जॉर्जिया मेलोनी सहित कई विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना है. वह इन देशों के साथ रक्षा और व्यापार जैसे मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं. इटली रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि आउटरीच सत्र में ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा. भारत खुद को ग्लोबल साउथ की आवाज बनाना चाहता है.
लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है. इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाजिया के आलीशान रिसॉर्ट में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में वैश्विक मुद्दों के साथ-साथ द्विपक्षीय मुद्दों को भी जगह दी जाएगी. जी7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं. इटली जी7 (सात देशों के समूह) शिखर सम्मेलन की वर्तमान में अध्यक्षता और मेजबानी कर रहा है.
इटली ने अपनी अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की रक्षा करने पर जोर दिया है. इटली के अनुसार, यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक युद्ध ने उसके सिद्धांतों को कमजोर कर दिया है और दुनिया भर में कई संकटों के साथ बढ़ती अस्थिरता को जन्म दिया है. उसका कहना है कि जी7 मध्य पूर्व में संघर्ष और वैश्विक एजेंडे के लिए इसके परिणामों को समान महत्व देगा.
भारत के अलावा इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. हालांकि, यूरोपीय संघ जी7 का सदस्य नहीं है, लेकिन यह वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है.
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