Indian Airforce War Drill: भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास गगन शक्ति सोमवार (01 अप्रैल) से राजस्थान में शुरू हो गया है, जो 10 अप्रैल तक चलेगा. इस दौरान इंडियन एयरफोर्स के सभी हवाई अड्डे सक्रिय रहेंगे. इस युद्धाभ्यास में तेजस, राफेल, सुखोई 30, जागुआर जैसे लड़ाकू विमान और चिनूक, अपाचे, प्रचंड जैसे हेलीकॉप्टर हिस्सा ले रहे हैं. इसमें 10 हजार से ज्यादा सैनिक हिस्सा ले रहे हैं.


इस अभ्यास में भारतीय थल सेना भी कई पहलुओं पर हिस्सा ले रही है. साथ ही युद्धाभ्यास के लिए राजस्थान के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज पर टारगेट बनाया गया है. इससे पहले 12 मार्च को पोकरण फायरिंग रेंज में सिक्योर एरिया में देश की आत्मनिर्भरता को भारत शक्ति अभ्यास के नाम से प्रदर्शित किया गया था. इसे देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पोकरण पहुंचे थे.


इंडियन आर्मी भी दे रही सहयोग


वायुसेना के इस सबसे बड़े युद्धाभ्यास में भारतीय थल सेना भी सहयोग कर रही है. सेना की तरफ से मोबिलाइजेशन की जिम्मेदारी संभाली जा रही है. दरअसल रक्षा मंत्रालय ने इस अभ्यास के तहत ऑपरेशनल रेल मोबिलाइजेशन प्लान को मंजूरी दी है. इससे देशभर में 10 हजार वायुसैनिकों और गोला बारूद की आवाजाही की सुविधा मिल पाएगी.


बनाए जाते हैं रियल वॉर जैसे हालात


इस अभ्यास की खासियत ये है कि इसमें एकदम वास्तविक युद्ध जैसे हालात तैयार किए जाते हैं और फिर ऑपरेशन्स को अंजाम दिया जाता है. ऐसा पहली बार नहीं है जब ये अभ्यास किया जा रहा है. हर पांच साल में इस युद्धभ्यास को अंजाम दिया जाता है. गगन शक्ति के तहत वायुसेना उत्तरी और पश्चिमी मोर्चे को संयुक्त रूप से शामिल करके अलग-अलग हिस्सों में अभ्यास करेगी.


भारत-पाकिस्तान की सीमा के पास हो रहे इस युद्धाभ्यास पर कई देशों की नजरें टिकी हुई हैं. पाकिस्तान, चीन और अमेरिका जैसे देश भी अपनी निगाहें बनाए हुए हैं.


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