नई दिल्लीः भारत अपना पहला मानव अंतरिक्ष यान मिशन दिसंबर 2021 तक पूरा करने के लिये प्रयास कर रहा है. इस मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्री (एस्ट्रोनॉट) मार्च में रूस से लौटेंगे और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के डिजाइन किए गए ट्रेनिंग मॉड्यूल से ट्रेनिंग लेंगे.


रूस में उन्हें अंतरिक्ष की परस्थितियों के अनुसार ढलने की ट्रेनिंग दी जा रही है. विश्व में अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसे तीन देश हैं, जिन्होंने मानव अंतरिक्ष यान कंडक्ट किया है.


इसरो के ह्यूमन स्पेसलाइट सेंटर के डायरेक्टर डॉ. उन्नीकृष्णन नायर के अनुसार, “चार अंतरिक्ष यात्री, जिन्हें भारतीय वायु सेना के पायलटों के एक पूल से चुना गया था, वर्तमान में रूस में जीसीटीसी (यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर) में बेसिक ट्रेनिंग ले रहे हैं. वे अगले साल मार्च तक वापस आ जाएंगे. फिर वे भारत में स्पेसिफिक ट्रेनिंग लेंगे जिसके लिए सिमुलेटर को डिफाइन किया गया है.”


भारत में ट्रेनिंग के तीन मुख्य भाग होंगे. ऑवरऑल प्रोजेक्ट पर एक मॉड्यूल, चालक दल के सदस्यों के लिए एक मॉड्यूल और फ्लाइट हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर एक मॉड्यूल. भारतीय उद्योग परिसंघ की ओर से इसरो के साथ मिलकर आयोजित इंटरनेशनल स्पेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इनमें से हर एक मॉड्यूल पहले वाले से अधिक जटिल है.


भारत के पहला मानव अंतरिक्ष यान मिशन, गगनयान को तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लॉ अर्थ ऑर्बिट में ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह 2,000 किमी या उससे कम की ऑर्बिट में पांच से सात दिनों की अवधि के लिए होगा.


हालांकि, इसरो के चेयरपर्सन डॉ. के सिवन ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि अंतिम मिशन से पहले दो मानवरहित उड़ानें यह निर्धारित करेंगी कि क्या सिर्फ एक या दो क्रू मेंबर्स को ही अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा और क्रू पूरी अवधि के लिए रहेगा या दिन या फिर सिर्फ दो घंटे के लिए.


इसरो ने दिसंबर 2020 में पहली मानव रहित उड़ान, जुलाई 2021 में दूसरी और दिसंबर 2021 में पहला मानव अंतरिक्ष यान मिशन की योजना बनाई है. यह समय सीमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से निर्धारित 15 अगस्त 2022 से पहले ही है. हालांकि, अधिकारियों के अनुसार कोविड -19 महामारी के कारण टाइमलाइन प्रभावित हो सकती है।


नायर ने कहा कि गगनयान इसरो के मानव अंतरिक्ष यान मिशन में से पहला होगा, जिसका एक्पेंडेशन अन्य ग्रहों की खोज के लिए भी किया जाएगा. साथ ही इसरो टेली-रोबोटिक्स और आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस जैसी टेक्नोलॉजी के डवलमेंट में एकेडमिक्स और इंडस्ट्री के साथ पार्टनरशिप करेगा.


यह भी पढ़ें-


दुनियाभर में कोरोना से 9.50 लाख लोगों की मौत, कुल तीन करोड़ संक्रमितों में से 2.20 करोड़ हुए ठीक


पंजाब: किसान समिति ने की 'रेल रोको' आंदोलन की घोषणा, 24 से 26 सितंबर के बीच होगा प्रदर्शन