Gaganyaan Mission: ISRO का नया कीर्तिमान, गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट सफल, क्रू कैप्सूल ने समुद्र में की सुरक्षित लैंडिंग
Gaganyaan mission updates: भारत चंद्रमा को छूने के बाद अब अंतरिक्ष को जीतने की तैयारी कर रहा है. गगनयान मिशन के जरिए इंसान को स्पेस में भेजा जाएगा.
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Gaganyaan mission Updates: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) सुबह 8 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में मौजूद सतीश धवन स्पेस सेंटर से गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट करने वाला है. स्पेस एजेंसी के मुताबिक, पहली 'फ्लाइट टेस्ट व्हीकल एबोर्ट मिशन-1' (TV-D1) के जरिए 'क्रू एस्केप सिस्टम' (CES) का प्रदर्शन देखा जाएगा. इस टेस्ट फ्लाइट में सफलता का मतलब होगा कि अब इसरो आगे के मानवरहित मिशन और अन्य टेस्ट को अंजाम दे पाएगा. इस तरह पहले गगनयान मिशन की ओर कदम बढ़ाए जाएंगे.
गगनयान मिशन का मकसद इंसानों को अंतरिक्ष में पृथ्वी की निचले ऑर्बिट तक भेजना है. पृथ्वी के सतह से इसकी दूरी 400 किमी है. इसम मिशन के जरिए भारत पहली बार इंसानों को अंतरिक्ष में भेजेगा और उन्हें सुरक्षित वापस लेकर आएगा. भारत का गगनयान मिशन 2025 में लॉन्च किया जाना है. इसे ध्यान में रखते हुए इन तैयारियों को किया जा रहा है, ताकि ये समझा जा सके कि जब इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाए, तो किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो. इसे भारत के सबसे महत्वकांक्षी स्पेस प्रोजेक्ट में से एक माना जा रहा है.
भारत एस्ट्रोनोट्स को पृथ्वी के निचले ऑर्बिट तक पहुंचाने के लिए एलवीएम3 रॉकेट का इस्तेमाल करने वाला है. ये एक ऐसा रॉकेट है, जिसमें सॉलिड, लिक्विड और क्रायोजेनिक स्टेज शामिल हैं. इसरो सुबह से ही अपनी पहली टेस्ट फ्लाइट का लाइव प्रसारण शुरू कर देगा. इसरो का लाइव प्रसारण इसकी ऑफिशियल वेबसाइट, यूट्यूब और फेसबुक पेज पर देखा जा सकता है. राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन पर भी इसरो के इस मिशन का लाइव प्रसारण किया जाएगा. इसके अलावा आप एबीपी न्यूज और एबीपी हिंदी पर भी लाइव प्रसारण देख सकते हैं.
भारत ने पहले ही चंद्रयान-3 मिशन के जरिए चांद पर कदम रख दिया है. हाल ही में सूरज की ओर मिशन को भेजा गया. ऐसे में अब भारत स्पेस में धीरे-धीरे अपने कदम बढ़ाने लगा है. भारत का इरादा स्पेस स्टेशन बनाने का भी है.
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया क्यों होल्ड हुआ मिशन?
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि पहले हम टेस्ट फ्लाइट को सुबह 8 बजे लॉन्च करना चाहते थे, मगर मौसम में खराबी की वजह से इसे 8.45 किया गया. नॉमिनल लिफ्ट ऑफ प्रोसेस के जरिए जाने के दौरान हमें कंप्यूटर के जरिए होल्ड जारी होने की जानकारी मिली. इस कंप्यूटर को ऑटोमैटिक लॉन्च सीक्वेल कंप्यूटर कहा जाता है. इस कंप्यूटर ने एक नॉन कंफर्मेशन को डिटेक्ट किया, जिसकी वजह से इंजन में थ्रस्ट यानी आग नहीं जल पाई. ये सब सिस्टम में एक मॉनिटरिंग एनोमली की वजह से हुआ. हमने इसका पता लगाया औऱ इसमें सुधार किया. इसके बाद लॉन्चिंग की तैयारी की गई.
इसरो चीफ ने बताया किस तरह अंजाम दिया गया मिशन?
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि आसमान में जाने के बाद क्रू एस्केप सिस्टम एक्टिव हुआ. इसने क्रू मॉड्यूल को रॉकेट से अलग किया. इसके बाद क्रू मॉड्यूल के पैराशूट ओपन हुए. फिर से समुद्र में जाकर लैंड कर गया. हमारे पास इससे जुड़ा सभी डेटा आ गया है. अब हम क्रू मॉड्यूल को रिकवर करने के लिए समुद्र में जहाज भेजे गए हैं. अभी तक मौजूद डेटा के मुताबिक हर चीज बिल्कुल सही रही है.
गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट सफल: इसरो चीफ
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि मुझे इस बात का ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट TV-D1 Mission सफल रही है. इस मिशन का मकसद क्रू एस्केप सिस्टम की जांच करना था.
गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट सफल: इसरो चीफ
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि मुझे इस बात का ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट TV-D1 Mission सफल रही है. इस मिशन का मकसद क्रू एस्केप सिस्टम की जांच करना था.
बंगाल की खाड़ी में लैंड हुआ क्रू मॉड्यूल
टेस्ट फ्लाइट के जरिए आसमान में भेजा गया क्रू मॉड्यूल सफलतापूर्वक बंगाल की खाड़ी में लैंड कर गया है. इसे रिकवर करने के प्रोसेस की शुरुआत हो गई है.