Vice President Election: गजेंद्र शेखावत का विपक्ष पर वार, कहा- इससे अच्छा तो चुनाव निर्विरोध कराया होता
Gajendra Singh Shekhawat: देश की जनता जानती है कि लोकसभा और राज्यसभा में जिस तरह का बहुमत बीजेपी नीत गठबंधन के साथ है तो कहीं कोई दूसरे उम्मीदवार के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.
Vice President Candidate: 6 अगस्त को देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. एनडीए (NDA) ने शनिवार को पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Governor Jagdeep Dhankhar) को अपना उम्मीदवार घोषित कर सबको चौंका दिया. वहीं आज विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) को अपनी ओर से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत (Gajendra Shekhawat) ने विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर तंज कसा है. गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हमारे पास बहुमत है और किसी अन्य उम्मीदवार के लिए कोई मौका नहीं है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर विपक्ष ने उपराष्ट्रपति चुनाव निर्विरोध कराया होता तो और भी बेहतर होता.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि विपक्ष ने जो उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार तय किए गए नाम का स्वागत करता हूं. देश की जनता जानती है कि लोकसभा और राज्यसभा में जिस तरह का बहुमत बीजेपी नीत गठबंधन के साथ है तो कहीं कोई दूसरे उम्मीदवार के लिए कोई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे बेहतर होता कि विपक्ष इस चुनाव की प्रक्रिया को टाल कर इस चुनाव को निर्विरोध उपराष्ट्रपति को चुनता.
विपक्ष ने जो उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार तय किया है मैं उस नाम का स्वागत करता हूं। देश की जनता जानती है कि लोकसभा और राज्यसभा में जिस तरह का बहुमत बीजेपी नीत गठबंधन के साथ है तो कही कोई दूसरे उम्मीदवार के लिए कोई गुंजाइश नहीं है: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, दिल्ली pic.twitter.com/OZqGJmtoMa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 17, 2022
ऐसा रहा मार्गरेट अल्वा का सियासी सफर
5 दशक पहले 1969 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर अल्वा ने सियासी पारी की शुरुआत की थी. पांच साल बाद, वह संसद के उच्च सदन के लिए चुनी गईं. साल 1975 से 1976 तक, उन्होंने कांग्रेस संसदीय दल की कार्यकारिणी में कार्य किया. 1974 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुनी गईं, अल्वा 1980, 1986 और 1992 में फिर से चुनी गई. 80 के दशक के मध्य में, अल्वा ने केंद्रीय संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. 1985 में, इंदिरा गांधी की हत्या और राजीव गांधी की शानदार चुनावी जीत के बाद, अल्वा को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के भीतर युवा मामलों, खेल, महिला और बाल विकास राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था.
कई राज्यों की राज्यपाल रह चुकीं हैं मार्गरेट अल्वा
उसी वर्ष, अल्वा ने नैरोबी में महिलाओं पर तीसरे संयुक्त राष्ट्र विश्व सम्मेलन में भाग लिया, और भारत लौटने पर, योजना आयोग (अब नीति आयोग) और कई मंत्रालयों के भीतर एक महिला प्रकोष्ठ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. अल्वा, जो उत्तराखंड, राजस्थान, गोवा और गुजरात के राज्यपाल भी रही हैं, का नाम राकांपा सुप्रीमो के शरद पवार आवास पर विपक्षी दलों की बैठक के बाद तय किया गया.
19 जुलाई को नामांकन दाखिल करेंगी मार्गरेट अल्वा
रविवार को विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद (Opposition Vice President Candidate) की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) 19 जुलाई की सुबह 11 बजे अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगी. मैं इस नामांकन को बड़ी विनम्रता से स्वीकार करती हूं और विपक्ष के नेताओं को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने मुझ पर विश्वास किया. विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) ने कहा कि उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की उम्मीदवार के रूप में नामित होना एक विशेषाधिकार और सम्मान की बात है.
ये भी पढ़ें: