MEA On Galwan: गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद से मोदी सरकार लगातार ड्रैगन को सबक सिखा रही है. साल 2020 में हुई चीन की इस नापाक हरकत को लेकर भारत सख्त रुख अपनाए हुए है. इन सब के बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सीमा पर शांति चाहता है और इसके प्रयास जारी हैं.


आज शुक्रवार (21 जून) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गलवान घाटी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "गलवान के संबंध में, हमने पहले भी कहा है कि दोतरफा बातचीत चल रही है. एक आर्मी टू आर्मी और दूसरी राजनीतिक स्तर पर. हम चाहते हैं कि सीमा पर शांति हो." गलवान घाटी में घटी घटना को 4 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन चीनी सैनिकों की मौत पर रहस्य आज भी बना हुआ है.






कितने चीनी सैनिकों की गई जान?


पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में खूनी झड़प 2020 में 15 और 16 जून की रात को हुई थी. भारत की ओर से बताया गया था कि उसकी ओर से 20 सैनिक शहीद हुए थे लेकिन चीन ने अपने सैनिकों की मौत से इनकार किया था. फिर कुछ महीनों बाद रिपोर्ट्स आईं जिसमें अलग-अलग आकड़े दिए गए. किसी में 40 तो किसी में 38 तो किसी में 12. हालांकि इस चीज को लेकर पुष्टि अभी भी नहीं हो पाई है.


भारत-चीन के बीच तनाव के बीच बातचीत जारी


ये पिछले पांच दशकों में दोनों देशों के बीच एलएसी पर हुई पहली घातक झड़प थी, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को काफी तनावपूर्ण बना दिया था. हालांकि भारत और चीन के बीच तनाव अभी जारी है और इसी के चलते सीमा पर सेनाओं की सक्रियता बढ़ी. दोनों देशों के बीच बातचीत भी हो रही है लेकिन तनाव की स्थिति अभी भी बनी हुई है. भारत ने गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से एलएसी पर सैन्य बुनियादी ढांचे, निगरानी और युद्ध क्षमताओं में इजाफा किया है.


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