कोरोना काल में ऑनलाइन हुए गणपति बप्पा, जूम-फेसबुक और गूगल पर होंगे आरती-दर्शन
अधिकतर पूजा पंडालों ने जूम, फेसबुक और गूगल के जरिये गणपति के दर्शन और पूजन की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है. यही नहीं, अधिकांश जगहों पर गणपति दस के बजाय डेढ़ दिन के लिए ही विराजेंगे.
नई दिल्लीः कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार गणपति उत्सव के दौरान बप्पा ऑनलाइन दर्शन देंगे. अधिकतर पूजा पंडालों ने जूम, फेसबुक और गूगल के जरिये गणपति के दर्शन और पूजन की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है. यही नहीं, अधिकांश जगहों पर गणपति दस के बजाय डेढ़ दिन के लिए ही विराजेंगे.
महाराष्ट्र के सबसे बड़े पर्वों में शामिल गणपति उत्सव दिल्ली में भी धूमधाम से मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी से शुरू होने वाले इस दस दिवसीय उत्सव के दौरान लोग घरों, मंदिरों या पंडाल में गणपति की स्थापना कर पूरे धूमधाम से यह त्यौहार मनाते हैं.
इस बार यह त्यौहार 22 अगस्त से है और आम तौर पर साज सज्जा, कार्यक्रमों, पंडाल की व्यवस्था में व्यस्त रहने वाले आयोजक कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटे हैं.
फेसबुक लाइव से आरती और दर्शन
दिल्ली के सबसे पुरान मंडलों में से एक अलकनंदा के मराठी मित्र मंडल ने फेसबुक लाइव के जरिये आरती और दर्शन की व्यवस्था की है. समिति की सदस्य निवेदिता पांडे के अनुसार ‘‘ पिछले 35 साल में पहली बार हम डेढ दिन के लिये ही बप्पा को ला रहे हैं. कोरोना काल में समारोह आयोजित करना मुश्किल है, लेकिन परंपरा को तोड़ना अपशकुन होता है.’’
दिल्ली के राजनीतिक हलकों में लोकप्रिय सार्वजनिक उत्सव समिति, दिल्ली पर्यटन के साथ मिलकर मावलंकर हॉल , कमानी आडिटोरियम या दिल्ली हाट में कार्यक्रम का आयोजन करती है, लेकिन 25 साल में पहली बार एक सदस्य के घर पर मूर्ति की स्थापना होगी.
समिति की कार्यकारी अध्यक्ष नीना हेजीब ने कहा कि‘‘ हमने एक सदस्य के घर पर करोल बाग में प्रतिस्थापना का फैसला किया है जहां दर्शनार्थी नहीं आ सकेंगे. शाम को जूम पर आरती व दर्शन होंगे और अगले दिन विसर्जन ’’
गुरुग्राम में एक सप्ताह तक होंगे ऑनलाइन कार्यक्रम
गुरुग्राम में सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति का यह 28वां साल है और उनका समारोह लंबा होगा, क्योंकि यह समारोह के संस्थापक लोकमान्य तिलक की सौंवीं पुण्यतिथि का वर्ष भी है.आयोजन समिति के जीवन तलेगांवकर ने कहा,‘‘ हम एक सप्ताह तक सारे कार्यक्रम ऑनलाइन करेंगे. हमने उस जगह का भी खुलासा नहीं किया है, जहां मूर्ति की स्थापना होगी. ’’
तलेगांवकर कहा ,‘‘ कलाकार अपनी रिकार्डिंग हमें भेज देंगे जिसे हम प्रसारति करेंगे, या एकल प्रस्तुति है तो लाइव करेंगे. एक दिन तिलक पर लेक्चर भी रखा गया है.’’ महाराष्ट्र सदन में गणपति पांच दिन के लिये आयेंगे और कोई जुलूस नहीं निकाला जायेगा.
महाराष्ट्र सदन में सीमित होगी दर्शनार्थियों संख्या
महाराष्ट्र सदन के संपर्क अधिकारी प्रमोद कोलाप्ते ने कहा ,‘‘ मूर्ति भी दो फुट की होगी. सुबह शाम आरती की जायेगी. दर्शनार्थियों की संख्या सीमित होगी. प्रवेश द्वार पर हैंड सैनिटाइजर रखा जाएगा, तापमान की जांच की जाएगी.’’
लक्ष्मी नगर में गणेश सेवा मंडल अपने पंडालों की साज सज्जा के लिये विख्यात है, लेकिन इस बार कार्यक्रम बिल्कुल सादगीपूर्ण होगा. समिति के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र लड्ढा ने कहा ,‘‘ हमने लवली पब्लिक स्कूल में दर्शन के लिये आधे घंटे का समय रखा है और हर स्लॉट में अधिकतम 20 लोग आ सकेंगे .’
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